Hindi, asked by dheerajyadav3221, 6 months ago

गलता लोहा के अनुसार रमेश बाबू के चरित्र पर प्रकाश डालिए​

Answers

Answered by vrushankvrane
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Answer:

ramesh babu

Answered by bindupoonia245
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Answer:

गलता लोहा कहानी में समाज के जातिगत विभाजन पर कई कोणों से टिप्पणी की गई है। यह कहानी लेखक के लेखन में अर्थ की गहराई को दर्शाती है। इस पूरी कहानी में लेखक की कोई मुखर टिप्पणी नहीं है। इसमें एक मेधावी, किंतु निर्धन ब्राहमण युवक मोहन किन परिस्थितियों के चलते उस मनोदशा तक पहुँचता है, जहाँ उसके लिए जातीय अभिमान बेमानी हो जाता है।

मोहन के पिता वंशीधर ने जीवनभर पुरोहिती की। अब वृद्धावस्था में उनसे कठिन श्रम व व्रत-उपवास नहीं होता। उन्हें चंद्रदत्त के यहाँ रुद्री पाठ करने जाना था, परंतु जाने की तबियत नहीं है। मोहन उनका आशय समझ गया, लेकिन पिता का अनुष्ठान कर पाने में वह कुशल नहीं है। पिता का भार हलका करने के लिए वह खेतों की ओर चला, लेकिन हँसुवे की धार कुंद हो चुकी थी। उसे अपने दोस्त धनराम की याद आ गई। वह धनराम लोहार की दुकान पर धार लगवाने पहुँचा।

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