History, asked by amanjisingh8418, 1 year ago

gandhi ji ke sapno ka bharat​

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Answered by N3KKI
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कहते हैं, जिस विचार का समय आ गया हो, उसे कोई रोक नहीं सकता! एक रक्तरंजित विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि में, जब हिंसा ही युग की पहचान हुआ करती थी, भारत ने अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन के जरिये, सत्याग्रह के जरिये स्वतंत्रता हासिल की। पूरा देश महात्मा के आह्वान के पीछे आ गया और अपनी स्वतंत्रता के रूप में भारत ने संसार के सामने एक मिसाल पेश कर दी। यह एक ऐसा विचार था, जिसका समय आ चुका था। उसी तरह आज, जब भारत का नाम खुले में शौच करने वालों की सबसे बड़ी तादाद के साथ इसके लिए बदनाम देशों की सूची में सबसे ऊपर है, 2 अक्टूबर 2019 तक पूर्ण स्वच्छता प्राप्ति के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री द्वारा किया गया स्वच्छ भारत का आह्वान एक ऐसा विचार है, जिसका समय आ गया है।

खुले में शौच जाने की परंपरा मानव सभ्यता के प्रारंभ जितनी ही पुरानी है। भारत के करोड़ों लोगों के लिए यह सदियों से जीवन शैली का हिस्सा है। 1980 के दशक से ही हमारे यहां सारी सरकारें राष्ट्रीय स्वच्छता कार्यक्रम संचालित करती आ रही हैं, लेकिन 2014 तक केवल 39 प्रतिशत भारतीयों को ही शौच की सुरक्षित सुविधा उपलब्ध थी। कारण यह कि शौचालय तक लोगों की पहुंच होना कोई ढांचागत समस्या नहीं है। इस मामले में लोगों का व्यवहारगत रवैया और सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ कहीं ज्यादा बड़ी भूमिका निभाता है। 60 करोड़ों लोगों के व्यवहार को प्रभावित करना एक ऐसी चुनौती है, जिसका सामना करने की अभी तक संसार में किसी ने कोशिश भी नहीं की है। यह उपलब्धि केवल एक सघन, समयबद्ध हस्तक्षेप के जरिये ही हासिल की जा सकती है, जिसका नेतृत्व सर्वोच्च स्तर से किया जा रहा हो, और जिसमें समाज व सरकार के सभी अंग मिल-जुल कर सक्रिय हों। स्वच्छ भारत मिशन के स्वच्छाग्रह ने राष्ट्र की कल्पना को ठीक उसी तरह आकृष्ट किया है, जिस तरह दशकों पहले महात्मा के सत्याग्रह ने किया होगा!

Answered by Myur123
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Answer:

gandhi ji wanted the nation to be united

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