Gandhi ji ne paschaty sbhyata ki kyo aalochana ki aur kin binduo pr
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Answer: गांधी के गांधी बनने का बड़ा कारण था अपनी आलोचना को शत्रुता न मानना. लेकिन आलोचक और निंदक में बड़ा फर्क है. आज फिर महात्मा गांधी की चर्चा का दिन है. सोशल मीडिया से लेकर राजनीति की दुनिया तक तमाम मंचों पर होने वाली गांधी की चर्चा में इन दिनों मर्यादा की सीमाएं लांघती आलोचना भी आम हो चली है. कई बार इस आलोचनात्मक बहस के सिरे ऐसे झूठों से जुड़ते हैं जिन्हें तथ्य बताया जाता है. होना तो यह चाहिए था कि कुछ समय पहले प्रकाशित अंथोनी परेल की पुस्तक ‘गांधियाना’ से गांधी पर नए सिरे से बहस शुरू होती. या उसके कुछ वक्त पहले आई अजय स्कारिया की किताब ‘अनकंडीशनल इक्वैलिटी: गांधीज़ रिलिजन ऑफ़ रेजिस्टेंस’ से समानता, धर्म, प्रतिरोध जैसे मूल्यों पर उनके विचार के सूत्र लिए जाते. या उसके भी पहले मकरंद परांजपे की पुस्तक ‘द डेथ एंड आफ्टरलाइफ ऑफ़ गांधी’ से हम इस पर सोचना शुरू करते कि गांधी की मृत्यु के बाद, जो कि दरअसल उनकी हत्या थी, भारत ने गांधी को कैसे जीवित रखा.