Gandhijina swapananu bharat
Answers
Answered by
1
आजादी एक जन्म के समान है. जब तक हम पूर्ण स्वतंत्र नहीं हैं तब तक हम दास हैं : महात्मा गांधी
आजादी के छह दशक बाद भी अकसर चर्चा में सुनने को मिल जाता है कि सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक तौर पर भारत की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है. हमें पराधीनता से मुक्ति तो मिल गई है लेकिन खुद को सामाजिक और राजनैतिक जकड़न से मुक्त नहीं कर पाए हैं. ऐसे में उस महान विचारक का स्मरण होता है जिसने समृद्धि और उज्जवल भारत का सपना देखा था.
ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के नेता तथा बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति महात्मा गांधी ने अपनी पुस्तक ‘हिन्द स्वराज’ में पाश्चात्य आधुनिकता का विरोध कर हमें यथार्थ को पहचानने का रास्ता दिखाया. ग्रामीण विकास को केन्द्र में रखकर उन्होंने वैकल्पिक टेक्नॉलोजी के साथ-साथ स्वदेशी और सर्वोदय के महत्व को बताया. उनके इस आदर्श प्रतिरूप का अनुसरण करके नैतिक, आर्थिक, आध्यात्मिक और शक्तिशाली भारत का निर्माण सार्थक बनाया जा सकता है.
⭐MARK ME AS A BRAINLIEST ANSWER ⭐
आजादी के छह दशक बाद भी अकसर चर्चा में सुनने को मिल जाता है कि सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक तौर पर भारत की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है. हमें पराधीनता से मुक्ति तो मिल गई है लेकिन खुद को सामाजिक और राजनैतिक जकड़न से मुक्त नहीं कर पाए हैं. ऐसे में उस महान विचारक का स्मरण होता है जिसने समृद्धि और उज्जवल भारत का सपना देखा था.
ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के नेता तथा बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति महात्मा गांधी ने अपनी पुस्तक ‘हिन्द स्वराज’ में पाश्चात्य आधुनिकता का विरोध कर हमें यथार्थ को पहचानने का रास्ता दिखाया. ग्रामीण विकास को केन्द्र में रखकर उन्होंने वैकल्पिक टेक्नॉलोजी के साथ-साथ स्वदेशी और सर्वोदय के महत्व को बताया. उनके इस आदर्श प्रतिरूप का अनुसरण करके नैतिक, आर्थिक, आध्यात्मिक और शक्तिशाली भारत का निर्माण सार्थक बनाया जा सकता है.
⭐MARK ME AS A BRAINLIEST ANSWER ⭐
Similar questions