ganesh chaturthi essay in hindi
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भारत में गणेश चतुर्थी बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार कार्यालय हो या स्कूल-कालेज हर जगह इसको मनाया जाता है। इस दिन सभी कार्यालयों और शिक्षा संस्थानों को बंद करके भगवान गणेशा की पूजा की जाती है। लोग इस पर्व का उत्साहपूर्वक इंतजार करते है। यह देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है हालाँकि महाराष्ट्र में यह खासतौर से मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे भक्तों द्वारा हर वर्ष बड़े ही तैयारी और उत्साह से मनाते है। हिन्दू मान्यता के अनुसार गणेश चतुर्थी हर साल भगवान गणेश के जन्मदिवस पर मनाया जाता है। गणेश उत्सव भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी बुलाया जाता है अर्थात भक्तों के सभी बाधाओं को मिटाने वाला तथा विघ्नहर्ता का अर्थ है राक्षसों के लिये मुश्किल पैदा करने वाला।
मूर्ति की स्थापना
गणेश चतुर्थी एक 11 दिनों का लंबा हिन्दू उत्सव है जो चतुर्थी के दिन घर या मंदिर में मूर्ति स्थापना से शुरु होता है तथा गणेश विसर्जन के साथ अनन्त चतुर्दशी पर खत्म होता है। भक्त भगवान गणेश से प्रार्थना करते है, खासतौर से मोदक चढ़ाते है, भक्ति गीत गाते है, मंत्रोंच्चारण करते है, आरती करने के साथ ही उनसे बुद्धि और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते है। इसे समुदाय या मंदिर या पंडालों में लोगों के समूह द्वारा, परिवार या अकेले मनाया जाता है।
निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी के दौरान सुबह और शाम गणेश जी की आरती की जाती है और लड्डू और मोदक का प्रसाद चढ़ाया जाता है। सबसे ज्यादा यह उत्सव महाराष्ट्र में मनाया जाता है और वहाँ की गणेश चतुर्थी देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।
Explanation:
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गणेश चतुर्थी पर्व हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है, यह भारत के विभिन्न प्रान्तों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। किंतु महाराष्ट्र में बहुत ही धूमधाम से इस त्योहार को मनाया जाता है पुराणों के अनुसार इस दिन प्रथम पूजनीय श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। कहीं कहीं छोटी – छोटी तो कही बड़ी – बड़ी प्रतिमाओं को स्थापित किया जाता है, और इस प्रतिमा की उपासना कहीं कहीं 7 दिन के लिए तो कहीं 9 दीन के लिए की जाती है, परंतु 10 दिन तक गणेश जी स्थापित किया जाता है। और बड़े धूमधाम से इनकी पूजा अर्चना की जाती है।
गणेश चतुर्थी के दिन का महत्व:- गणेश चतुर्थी के दिन सभी स्कूल , कालेज ओर सरकारी कार्यलयों बन्द रहते है क्युकी इस दिन गणेश जी की उपासना की जाती है। इस दिन सभी भक्तगण गणेश जी की आरती गाते है। भगवान श्री गणेश जी को मोदक ओर लड्डू का भोग लगाया जाता है। क्योंकि मोदक ओर लड्डू गणेश जी को अति प्रिय है।
गणेश चतुर्थी का महाराष्ट्र में महत्व:– गणेश चतुर्थी का सबसे अधिक भव्य और बड़े पैमाने में महाराष्ट्र राज्य में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। क्योंकि सबसे पहले छत्रपती शिवाजी महाराज ने उसकी शुरुआत की थी, गणेश चतुर्थी को सबसे अधिक ओर जबरदस्त तरीके से महाराष्ट्र और भारत के सभी राज्यो में मनाया जाता है।
गणेश जी के अन्य नाम से भी जाना जाता है :- वैसे तो गणेश जी 108 नाम है। परंतु हम यहाँ 108 नाम का उल्लेख नही कर सकते है। क्योंकि बहुत सारे नाम है। उनके मुख्य 12 नामों का हम उल्लेख कर रहे है, गणेश जी के 12 नाम इस प्रकार है। इन 12 नामों का नारद पुराण में उल्लेख मिलता है। गणेश जी को मुख्य रूप से, सुमुख, एकदन्त, कपिल, गजकर्ण, लम्बोदर, विकट, विघ्ननाशक, विनायक, धूमकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन, आदि नमो से भी पुकारा जाता है।
गणेश चतुर्थी पूजाविधि: गणेश चतुर्थी के दिन सुबह-सुबह ही सबसे पहले नहाकर लाल वस्त्र पहनें जाते है। क्योंकि लाल वस्त्र भगवान गणेश जी को अधिक प्रिय लगते है। पूजा के दौरान श्री गणेश जी का मुख उत्तर या पूर्व दिशा में रखा जाता है। सबसे पहले पंचामृत से गणेश जी का अभिषेख किया जाता है।
पंचामृत में सबसे पहले दूध से गणेश जी का अभिषेख किया जाता है। उसके बाद दही से फिर घी से शहद से ओर अंत मे गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। गणेश जी पर रोली ओर कलावा चढ़ाया जाता है। सिंदूर गणेश जो को बहुत अधिक प्रिय है। इसलिय उनको सिंदूर चढ़ाया जाता है।
रिद्धि – सिद्धि के रूप में दो सुपारी ओर पान चढ़ाया जाते है। इसके बाद फल पिला कनेर ओर दुब फूल चढ़ाया जाता है। उसके बाद गणेश जी की मनपसंद मिठाई मोदक ओर लड्डू चढ़ाया जाता है। भोग चढ़ाने के बाद सभी परिवारजनों द्वारा मिलकर गणेश जी की आरती गाई जाती है।श्री गणेश जी के 12 नामों का ओर उनके मन्त्रो का उच्चारण किया जाता है।
शिवजी द्वारा गणेश जी को वरदान: शिवजी ने गणेश जी को आशीर्वाद देते हुए कहा था। कि जब भी पृथ्वी पर किसी भी नए ओर अच्छे कार्य की शुरुआत की जाए तो वहाँ पर सबसे पहले गणेश जी का नाम लिया जाएगा। और गणेश जी की आराधना करने वाले व्यक्ति के सभी दुखदुर हो जाएंगे । इसी वजह से हम भर्तीय कोइ भी अच्छा कार्य करने से पहले गणेश जी की उपासना जरूर करते है। चाहे वह विवाह, नए व्यपार, नया घर प्रवेश, कोई भी कार्य हो उसमे गणेश जी की पूजा पहले की जाती है। माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा को देखना अशुभ होता है। जो भी चन्द्रमा को गणेश चतुर्थी के दिन दर्शन करता है तो उस दिन उसपे चोरी का आरोप लगता है।
उपसंहार: गणेश चतुर्थी के दिन गणेश भगवान को अपने घर मे लाकर घर की समस्याओं और कष्टों को दूर किया जाता है। गणेश भगवान द्वारा गणेश चतुर्थी महाराष्ट राज्य के लोगो का सबसे अधिक पसंदीदा ओर प्रमुख त्योहार होता है। यह दिन बहुत ही पवित्र होता है। इसलिए इस त्योहार को बड़े बड़े अभिनेताओं द्वारा भी मनाया जाता है । जिस प्रकार हम सभी गणेश जी उपासना करते है। उसी प्रकार उनके गुणो की भी उपासना करना चाहिए जो कि बल, बुद्धि ओर धर्य,पर आधारित है जिसे हम मनुष्यो को भी धारण करना चाहिए।
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