ganga nadi ki safai per nibandh
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हमारा भारत देश यह विविधता और संस्कृति वाला देश हैं | इस देश की संस्कृति और विविधता अन्य देशों से सबसे अलग हैं | जिस तरह से हमारे देश अन्य त्योहारों का विशेष महत्व हैं | उसी तरह विभिन्न नदियों का प्रमुख स्थान और महत्व हैं |
उन सभी नदियों में से गंगा नदी यह भारत देश सबसे पवित्र और प्रमुख नदी हैं | गंगा नदी यह भारत देश की सबसे लम्बी नदी हैं | हिन्दू धर्म के सभी लोग इस नदी को पूज्यनीय मानते हैं |
उसे माँ का दर्जा देते हैं | जिस तरह से एक माँ अपने बच्चों का लालन – पोषण करती हैं | उसी तरह से निस्वार्थ भाव से प्राचीन समय से गंगा मैया हम सब का पालन – पोषण करती हैं |
गंगा नदी यह दक्षिण एशिया भारत और बांग्लादेश इन दो देशों में से बहने वाली एक महत्वपूर्ण नदी हैं | यह भारत देश की सबसे बड़ी नदी हैं | गंगा नदी का उद्यम हिमालय पर्वत यानि गंगोत्री से होता हैं |
इस गंगा नदी को हमारे भारत वर्ष की जीवनधारा कहा जाता हैं | यह नदी गोमुख से निकलकर हिमालय पर्वत से उतरकर २५२५ किमी की यात्रा पूरी करके गंगासागर को जेक मिलती हैं |
गंगा नदी को हिन्धू धर्म में सबसे पवित्र माना गया हैं | उसे माँ की तरह पूज्यनीय माना गया हैं | यह भारतीय लोगों की जीवनदायिनी हैं | गंगा नदी निरंतर प्रवाहमयी नदी हैं |
गंगा नदी पापियों की उदधार करने वाली नदी हैं | यह एक केवल नदी हैं बल्कि हमारे देश की संस्कृति हैं | इस गंगा नदी के तट पर अन्य पवित्र तीर्थ स्थान निवास हैं |
इस गंगा नदी को भागीरथी कहा जाता हैं | गंगा नदी को यह नाम राजा भागीरथ के नाम से पड़ा हैं | राजा भागीरथ के साठ पुत्र थे | परन्तु शापवश होने के कारण उनके साठ पुत्र भस्म हो गए |
उसकी वजह से राजा भागीरथ ने एक दिन कठोर तपस्या की और उसके फलस्वरूप से भगवान शिवजी के जटा से गंगा निकलकर भूमि पर अवतरित हुई | इसके कारण भागीरथ के साठ पुत्रों का उदधार हुआ |
गंगा नदी का जल बहुत स्वच्छ होता हैं | इस नदी का जल हरिद्वार्ब तक निर्मल होता हैं | लेकिन इस नदी में शहरों के गंदे नाले का जल और कूड़ा – कचरा घुलमिल जाता हैं |
इस नदी का पवित्र जल दूषित और मलिन होता हैं | कई लोग दूषित जल भी छोड़ देते हैं | इस नदी में सड़ी हुई पूजा की सामग्री डाली जाती हैं | इस नदी में मलमूत्र छोड़ा जाता हैं |
जिसकी वजह से गंगा प्रदूषित होने लगी हैं | गंगा नदी हमरी पहचान और प्राचीन सभ्यता का प्रतीक हैं जो आज अपना अस्तित्व खो रही हैं |
गंगा नदी को निर्मल करने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने ‘स्वच्छ गंगा परियोजना’ और ‘नमामि गंगा योजना’ की शुरुवात की हैं | इस योजन का मुख्य उद्देश यह हैं की, भारत देश की पवित्र गंगा नदी में होने वाले प्रदुषण को रोका जाए |
इस गंगा नदी को साफ करने के लिए १८ वर्ष का समय निश्चित किया गया हैं | जब यह योजना पूरी तरह से सफल हो जाएगी तो गंगा नदी प्रदुषण मुक्त हो जाएगी |
गंगा नदी का हमारे भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान हैं | इस नदी को स्वच्छ करने के लिए बहुत प्रयास किये जा रहे हैं |सन २००८ में गंगा नदी को भारत की राष्ट्रीय नदी के रूप में घोषित किया गया | इस नदी को प्रद्दुशन मुक्त करने के लिए प्रयास करने चाहिए |