Gaon ke pass ek electroplating factory sthapit ki hai use karkhane ke kachre ka niptan kahan karna chahie
Answers
Answer:
- hduhdjrps7fs7r7r7rUffizgisitzUFfisits7RFItiscuzjcjczjczjfdUDUDDU
Answer:
अक्सर देखने में आता है कि घर का कचरा, जिसमें की लोहे के डिब्बे, कागज, प्लास्टिक, शीशे के टुकड़े जैसे इनऑर्गेनिक पदार्थ या बचा हुआ खाना, जानवरों की हड्डियाँ, सब्जी के छिलके इत्यादि ऐसे ही खुले स्थानों पर फेंक दिए जाते हैं। जिन क्षेत्रों में लोग दुधारू पशु, मुर्गी या अन्य जानवर पालते हैं। वहाँ इन जानवरों का मल भी वातावरण को प्रदूषित करता है।
कूड़े-कचरे का सही प्रकार से निष्पादन न होने से पर्यावरण गन्दा होता है। दुर्गन्ध फैलने के अतिरिक्त इसमें कीटाणु भी पनपते हैं जो कि विभिन्न रोगों के कारक होते हैं। ऐसे स्थानों पर मच्छर, मक्खियाँ और चूहे भी पनपते हैं। अतः घर में, घर के बाहर या बस्तियों में पड़ा कचरा समुदाय के स्वास्थ्य के लिए भयंकर दुष्परिणाम पैदा कर सकता है।
ग्रामीण क्षेत्र में कचरा निष्पादन
गाँव में नगरपालिका की सुविधा उपलब्ध नहीं है। अतः कूड़े-कचरे का छोटे स्तर पर निष्पादन के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैंः
1. कम्पोस्टिंग
2. वर्मीकल्चर
(क) कम्पोस्टिंग (खाद बनाना): यह वह प्रक्रिया है जिससे घरेलू कचरा जैसे घास, पत्तियाँ, बचा खाना, गोबर वगैरह का प्रयोग खाद बनाने में किया जाता है।
गोबर और कूड़े-कचरे की खाद तैयार करने के लिए एक गड्ढा खोदें। गड्ढे का आकार कूड़े की मात्रा तथा उपलब्ध स्थान के अनुरूप हो।
आमतौर पर एक छोटे ग्रामीण परिवार के लिए 1 मीटर लम्बा और 1 मीटर चौड़ा और 0.8 मीटर गहरा गड्ढा खोदना चाहिए। गड्ढे का ऊपरी हिस्सा जमीन के स्तर से डेढ़ या दो फुट ऊँचा रखें। ऐसा करने से बारिश का पानी अन्दर नहीं जाएगा।
गड्ढे में घरेलू कृषि, कूड़ा-कचरा एवं गोबर भूमि में गाड़ देना होता है। खाद करीब छह महीने के अन्दर तैयार हो जाती है। गड्ढे से खाद निकाल कर ढेर करके मिट्टी से ढक देनी चाहिए। इसे खेती के उपयोग में ला सकते हैं।
कम्पोस्टिंग के फायदेः
1. खेत में पाये जाने वाले फालतू घास-फूस के बीज गर्मी के कारण नष्ट हो जाते हैं।
2. कूड़े-कचरे से प्रदूषण रूकता है।
3. कचरे से अच्छी खाद तैयार हो जाती है जोकि खेत की उपज बढ़ाने में सहायक है।
(ख) वर्मीकल्चरः यह कचरे से खाद बनाने की एक प्रक्रिया है। इसमें केचुओं द्वारा जैविक विघटन कचरा जैसे सब्जी का छिलका, पत्तियाँ, घास, बचा हुआ खाना इत्यादि से खाद तैयार की जाती है।
एक लकड़ी के बक्से या मिट्टी के गड्ढे में एक परत जैविक विघटन कचरे की परत बिछाई जाती है और उसके ऊपर कुछ केचुएँ छोड़ देते हैं। उसके ऊपर कचरा डाल दिया जाता है और गीलापन बरकरार रखने के लिए पानी का छिड़काव किया जाता है। कुछ समय के उपरान्त यह बहुत ही अच्छी खाद के रूप में परिवर्तित हो जाती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर, घरेलू कचरा तथा कृषि कचरे का पूरा उपयोग नहीं किया जाता है। अतः आवश्यक है कि ग्रामवासियों को कचरे से खाद उत्पन्न करने के बारे में जानकारी दी जाए और गाँव का प्रदूषण रोका जाए। साथ में कचरे का भी सदुपयोग हो जाए।
शहरी क्षेत्र में कचरा निपटानः
शहरों में कचरा निपटान की उचित व्यवस्था नगरपालिका द्वारा की जाती है। यदि यह कार्य सुचारू रूप से नहीं चल रहा है तो नगरपालिका को सूचित करें और उन पर दबाव डालें कि घोषित स्थल से मोहल्ले का कचरा नगरपालिका एकत्रण केन्द्र स्थानांतरण करें जहाँ से उसका उचित निपटान हो सके।
Hope it help you ✌