Social Sciences, asked by rupeshkhapra, 4 months ago

गरीब बच्चे को मुफ्त शिक्षा देने के संबंध में​

Answers

Answered by hooriyakafeel75
0

Answer:

Whats next ??

Ask the full question

Answered by prashish69
1

Answer:

नई दिल्ली। मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले आर्थिक रूप से पिछड़े वोटर्स को लुभाने के लिए बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा को 8वीं से बढ़ाकर 12वीं तक करने पर विचार कर रही है।

इस संबन्ध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षा कार्यकर्ता अशोक अग्रवाल को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है कि मंत्रालय शिक्षा के अधिकार (RTE) एक्ट, 2009 के तहत बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा को 12वीं तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। प्रस्ताव पर गहन अध्ययन के बाद इस संबंध में कोई फैसला लिया जा सकता है।

वर्तमान में RTE के तहत छह से 14 साल तक यानी पहली से आठवीं तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का प्रावधान है। इस एक्ट के तहत प्राइवेट स्कूलों के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखना अनिवार्य है।

ज्ञात हो कि इसी महीने केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है। ऐसे में 12वीं तक मुफ्त शिक्षा देने का केंद्र सरकार का फैसला गरीब वर्ग के वोटरों को रिझाने के दूसरे बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।

राइट टू एजुकेशन के दायरे को बढ़ाने का प्रस्ताव लंबे समय से ठंडे बस्ते में था और चुनाव से ऐन पहले इसका जिक्र फिर शुरू हो गया है। सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन (CABE) की एक सब-कमिटी ने 2012 में ही आरटीई एक्ट की सीमा को बढ़ाने का सुझाव दिया था। तब केंद्र में यूपीए सरकार थी।

Explanation:

hope it will help you

please follow me and mark me as brainliest

please follow me

please

Similar questions