Hindi, asked by shivangirajkoti11, 1 year ago

गरीबी एक सबसे बड़ा अभीश्राप है माटी वाली पाठ के आधार पर स्पष्ठ कीजिए

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Answered by bhatiamona
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गरीबी एक सबसे बड़ा अभीश्राप है ।  

माटी वाली कहानी एक वृद्ध महिला की है , जो टिहरी शहर के पास रहती है । उसका पति बूढ़ा है । वह अब काम नहीं कर सकता । पूरे टिहरी में वह एकमात्र ऐसी स्त्री थी, जो घर-घर में माटी पहुँचाती थी।माटी वाली की रोजी रोटी का साधन सिर्फ माटीखाना है ।वह रोज कमाती है तथा रोज खाती है ।एक दिन वह घर लौटती है और पाती है की उसका पति मृत है ।पति की बीमारी और बुढ़ापे के कारण साथ छूट गया।  तभी शहर में बाढ़ आ जाती है और उसका घर खली करा दिया जाता है ।  

गरीब आदमी की जिंदगी हमेशा कगार पर होती है। एक हल्का झटका भी लगा तो जिंदगी तार तार हो जाती है। जिनके पास धन संपत्ति होती है वे किसी तरह से हिम्मत जुटा कर जिंदगी को फिर से रास्ते पर ले आते हैं। लेकिन ऐसे में गरीब आदमी अंदर तक टूट जाता है। शमशान वह आखिरी पड़ाव होता है जहाँ हर किसी को जाना है। टिहरी बाँध के प्रभाव में तो इस कहानी में शमशान भी बह चुके हैं। माटी वाली का सब कुछ तबाह हो जाता है और उसे अपना अंत भी भयावह दिखता है।  


Answered by GauravSaxena01
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उत्तर :-
गरीबी सबसे बड़ा अभिशाप है माटी वाले पाठ के लेखक विद्यासागर नौटियाल है। गरीबी एक सबसे बड़ा अभिशाप है। माटी वाली पाठ की कहानी एक वृद्ध महिला की है जो टिहरी शहर के पास रहती है। इस वृध महिला का पति बहुत बीमार रहता है जो ‌अब काम नहीं कर सकता। पूरे टेहरी शहर में यह एकमात्र ऐसी वृद्ध महिला थी जो घर-घर माटी पहुंचाने का काम करती थी।

माटी वाली तड़के सुबह से रात तक काम करती थी उसको इतना भी समय नहीं मिलता था। कि वह अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में सोच पाए। माटी वाली बस इतना ही कमा पाती थी जिससे उसका और उसके प्रति पति का पेट भर सकें इसलिए बाहर संसाधन का समुचित उपयोग करना जानती है।

उसके पास घर में इतने पैसे भी नहीं हो पाती है कि वह ठीक से भोजन पका सकें। उसकी गरीबी उसे इस बात का हिसाब करने के लिए मजबूर करती है कि वह एक एक रोटी का हिसाब रखें एक गरीब आदमी की जिंदगी हमेशा कागर पर होती है एक हल्का झटका भी लगा तो जिंदगी तार-तार हो जाती है जिनके पास धन संपदा होती है। वह कुछ ना कुछ करके अपनी जिंदगी को रास्ते पर ले आते हैं। लेकिन ऐसे में एक गरीब आदमी आंधी तो टूट जाता है शमशान का आखिरी पड़ाव होता है जहां हर किसी को जाना होता है।

टिहरी बांध के प्रभाव के कारण इस कहानी में तो शमशान भी वह चुके होते हैं माटी वाली का सब कुछ तबाह जाता है इसलिए उसको अपना अंत भी भयावह दिखता है। कहते हैं जब भूख लगती है तो सूखी रोटी भी मीठी लगने लगती है। और जब पेट भरा हो तो सामने चमचम और गुलाब जामुन भी रखे हो तो वह भी बे स्वाद लगते हैं। खाने का असली तभी आता है जब जोरों की भूख लगी हो ।

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@GauravSaxena01
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