गरीब एवं झुग्गियों के बच्चों की मदद के लिए बाल दिवस के अवसर पर आपके विद्यालय में मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसमें अधिकाधिक बच्चों के भाग लेने की प्रेरणा देते हुए एक सूचना आलेख तैयार कीजिए। आप दसवीं ‘बी’ के शुभम
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मनुष्य जिज्ञासु प्राणी है। वह तरह-तरह की जानकारियों से अवगत होना चाहता है। वह सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है। इसी तरह सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएँ भी कुछ आवश्यक सूचनाएँ लोगों तक पहुँचाना चाहती हैं। जन साधारण की भलाई हेतु वे समय-समय पर ऐसा करती रहती हैं। इन सूचनाओं को जनता तक लिखित रूप में पहुँचाना सूचना-लेखन कहलाता है। सूचना-लेखन के माध्यम से जन साधारण से सीधे संवाद स्थापित किया जाता है। इसके माध्यम से कम खर्च और अल्प परिश्रम से अधिकाधिक लोगों तक सूचनाएँ पहुँचाई जाती हैं। छात्रों को भी तरह-तरह की सूचनाएँ विद्यालय के सूचनापट्ट पर लिखी मिलती हैं। सूचनाएँ प्रायः ऐसे स्थान पर लिखी जाती हैं, जहाँ लोगों द्वारा वे आसानी से देखी और पढ़ी जा सकें। इन्हें कॉलोनियों और रिहायशी इलाकों के मुख्य द्वार पर या प्रायः कॉलोनी के सूचनापट्टों पर लिखी मिल जाती हैं।सूचना-लेखन में ध्यान देने योग्य बातें-
सूचना प्रायः तीन या चार वाक्यों में लिखी जानी चाहिए।
सूचना पूर्ण और आसानी से समझ में आने वाली होनी चाहिए।
सूचना सरल शब्दों में लिखी जानी चाहिए।
सूचना की भाषा प्रभावपूर्ण और मर्यादित शब्दों में लिखी जानी चाहिए।
सूचना की लिखावट पठनीय होनी चाहिए।
सूचना देने वाले का नाम या स्थान विशेष की जानकारी अवश्य होनी चाहिए।
सूचना देने वाले के हस्ताक्षर और दिनांक अवश्य लिखा जाना चाहिए।
सूचना-लेखन की विधि
सूचना लेखन में सबसे ऊपर विद्यालय या संस्था का नाम लिखा जाता है। इससे ज्ञात होता है कि सूचना किस कार्यालय द्वारा दी जा रही है; जैसे-
विद्या भारती सेकेंड्री स्कूल, ज्योति नगर, दिल्ली
खेल परिषद
अगली पंक्ति में मोटे अक्षरों में लिखना चाहिए
सूचना
इसके बाद शीर्षक और उसके नीचे अगले एक अनुच्छेद में इस तरह लिखनी चाहिए –
हमारे विद्यालय की खेल परिषद दवारा आगामी सोमवार को प्रात: 9 बजे एक टायल कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसके माध्यम से विभिन्न खेलों-क्रिकेट, टेबल-टेनिस, लंबी दौड़, फुटबॉल, वॉलीबाल, कबड्डी आदि की टीम बनाने हेतु संभावित खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा। जो छात्र-छात्राएँ इसमें अपनी खेल प्रतिभा दिखाना चाहते हैं वे अधोहस्ताक्षरी के पास तीन दिनों के भीतर अपना नामांकन अवश्य करा दें।
करतार सिंह
(खेल शिक्षक)
सचिव, खेल परिषद्
इस तरह हमने देखा कि –
सूचना की भाषा की अपनी अलग विशेषता होती है।
इसे अन्य पुरुष में लिखा जाता है, जैसे सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि।
सूचना लेखन में कम शब्दों के माध्यम से गागर में सागर भरने का प्रयास किया जाता है।
शीर्षक बीच में दो-तीन शब्दों का होता है; जैसे
रक्तदान शिविर का आयोजन
कवि सम्मेलन का आयोजन
दिल्ली दर्शन का कार्यक्रम
अंत में बाएँ कोने में सूचना लेखक का नाम, पद आदि का उल्लेख होता है।
सूचना-लेखन के कुछ उदाहरणों द्वारा इसे स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है-
प्रश्नः 1.
आप केंद्रीय विद्यालय जलवायु विहार दिल्ली की सांस्कृतिक इकाई के सचिव प्रत्यूष/प्रत्यूषा हैं। आपके विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशभक्ति पूर्ण कविताओं का पाठ किया जाना है जिसमें शहर के प्रसिद्ध कवि पधार रहे हैं। इसमें छात्र-छात्राओं के अभिभावक भी सादर आमंत्रित हैं। इस संबंध में एक सूचना आलेखन कीजिए।
उत्तर: