गरीब पिता साथ सर्दी में रात भर ठंडे पानी में कैसे रहा
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ठंड में बंद पड़े दोनों रैन बसेरे, सड़क किनारे रात बिता रहे मजदूर व रिक्शा चालक, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
2 वर्ष पहले
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दिनप्रतिदिन सर्दी का कहर बढ़ रहा है। लोगों ने सर्दी से बचने के जतन करने शुरू कर दिए हैं। सूर्य निकलने से लेकर अस्त होने तक तो लोगों की ओर से जैसे तैसे कर सर्दी से बचाव कर लिया जाता है। लेकिन रात को गरीब तबके के लोगों के साथ-साथ बाहर से आने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ रही है। फुटपाथ पर जिंदगी बिताने वाले असहाय, गरीबों को कड़ाके की ठंड में रैन बसेरा का छत भी नहीं मिल रही है। वहीं, अलाव की व्यवस्था नहीं होने से भी ठंड की रात में गरीब ठिठुर रहे हैं। अब तक प्रशासन की ओर से बंद पड़े रैन बसेरा को खुलवाने को लेकर कोई पहल नहीं की गई है।
शहर में अभी तक न तो रेलवे स्टेशन पर और न ही पालिका कॉलोनी में बनने वाला रैन बसेरा शुरू हो चुका है। ऐसे में असहाय, आश्रय विहिन लोग और यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है। इतना ही नहीं कहीं पर रैन बसेरे का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। इससे लोगों को रैन बसेरे की सुविधा नहीं मिल पा रही है। आश्रय विहिन लोगों और यात्रियों के बैठने व सर्दी से बचाने के लिए पिछले वर्ष रेलवे स्टेशन पर दो स्थाई रैन बसेरे बनाए गए थे। इनके अलावा शहर में फिलहाल कोई रैन बसेरा नहीं है। लेकिन अभी तक इनमें सेएक भी रैन बसेरा नहीं चल रहा है। रात्रि में सर्दी का कहर बढ़ने के साथ ही लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई है।
अव्यवस्था : पिछले वर्ष रेलवे स्टेशन पर बनाए गए थे दो स्थाई रैन बसेरे, शहर में नहीं कोई रैन बसेरा
रोहतक रेलवे स्टेशन पर नगर निगम के रैन बसेरा बंद होने के दौरान स्टेशन पर ठंड में सोते हुए लोग।
गंदगी के बीच सड़क किनारे सोकर गुजार रहे रात
रैन बसेरे शुरू नहीं होने की वजह से गरीब लोगों और यात्रियों को रेलवे स्टेशन के नजदीक जैसे तैसे करके रात गुजारनी पड़ रही हैं। रात भर लोग गंदगी के बीच सड़कों पर घूमते और फुटपाथ पर सोए नजर आ रहे है। ऐसे में लोगों में बीमारी फैलने का भी खतरा बना हुआ है। ऐसे लोगों के लिए रात को ठंड से बचने का कोई उपाय नहीं है। इसी वजह रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में रात को लोगों की भीड़ लग जाती है। वह रात गुजारने के लिए सोने का ठिकाना तलाशते रहते है।
रोहतक रेलवे स्टेशन पर नगर निगम की ओर से बनाया गया रैन बसेरा बंद पड़ा।