गरीब से अमीर बनने का कहानी पंचतंत्र से 200 वाट की
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एक बार की बात है जब राजा (king) विक्रमादित्य दिल्ली में शासन कर रहे थे तब उनके घर पर एक बहुत ही सुंदर पुत्र ने जन्म (birth) लिया और इसके लिए उन्होंने पूरे शहर में बड़े ही धूमधाम से दावत (party) का निमंत्रण सभी लोगों को दिया
अपने पुत्र की भविष्यवाणी जानने के लिए उन्होंने उस समय के सबसे महान Pandit को बुलाया था ताकि वे उनके पुत्र की भविष्यवाणी बता सके तब महान पंडित ने बताया कि आपका पुत्र बहुत ही अच्छा शासक (king) बनेगा पर इसकी शादी एक बहुत ही गरीब (poor) परिवार की लड़की से होगी जो इसी गांव में एक गरीब के घर में पैदा हुई है जिसने बिल्कुल अभी ही जन्म लिया है
Garib aur amir ki kahani
राजा यह सुनते ही गुस्सा हो गया और उन्होंने पंडित से पूछा क्या इसका कोई इलाज (solution) है तब महान पंडित ने बताया यह तो सब कुछ पहले से निश्चित (Future) है हम चाह कर भी इसे बदल नहीं सकते तब उस दिन से राजा विक्रमादित्य ने कभी भी अपने पुत्र को बाहर जाने नहीं दिया वह हमेशा पुत्र को घर के अंदर ही रखते थे
और जब भी उनका पत्र उनसे पूछता था कि उन्हें बाहर (Out) क्यों नहीं जाने दिया जा रहा तो हमेशा दुश्मनों (enemy) से उन्हें सुरक्षित रखने के लिए बहाना बना दिया करते थे और वहां गरीब परिवार में जन्म लेने वाली लड़की मनोरमा अब २० year की हो चुकी थी और वह दिखने में बहुत भी ख़ूबसूरत थी जिसे देखते ही राजकुमार उनके दीवाने हो जाते और मनोरमा खाना बनाने में बहुत ही ज्यादामाहिर थी वह बहुत ही ज्यादा tasty खाना बनती थी
राजकुमार 20 वर्ष के हो चुके थे जिस खुशी में महाराज ने पूरे गांव को दावत (party) पर बुलाया क्योंकि बहुत सारा खाना बनाना था इसलिए गाव से कुछ लोगों को भोजन बनाने के लिए बुलाया गया और उन लोगों में मनोरमा भी महल के अंदर आई और मनोरमा को स्वादिष्ट खाना बनाने का कार्य सौंपा (Assign) गया
Garib ladki ki kahani
एक दिन जब मनोरमा खाना बना रही थे तब वहीं से राजकुमार गुजर रहे थे और उन्होंने स्वादिष्ट खाना खाने का सोचा और खाना चखकर (taste) कहां आप तो बहुत ही ज्यादा अच्छा खाना बनाते हैं और इस तरह राजकुमार (king) और मनोरमा एक दूसरे से बातें करने लग गए
और इस तरह वह हर रोज बातें किया करते थे पर एक दिन महाराज ने देखा कि राजकुमार किसी गांव के गरीब लड़की (poor girl) से बात कर रहे है तभी वहा पर महान Pandit आ गए और उन्होंने बताया महाराज यही वह गरीब लड़की है जिसके बारे में मैंने भविष्यवाणी की थी
महाराज ने यह सुनते ही उस लड़के को महल से बाहर करवाया और गांव से दूर ले जाकर एक गहरी नदी (deep river) में फेंक दिया मनोरमा को तैरने नहीं आता था जिसकी वजह से वह डूबने लगी पर वहीं पर पास में एक मछुआरा था वह अपने नाव (boat) को लेकर जल्दी से आया और मनोरमा को बचा लिया
और उसके बाद उसे अपने घर पर लेकर गया कुछ दिनों बाद मनोरमा बिल्कुल ठीक (fine) हो गई और मछुआरे ने उसे सब कुछ बताया कि उसने उसकी जान किस तरह से बचाई और उसके बाद मनोरमा दोबारा (again) से महल में गई और महाराज मनोरमा को देख कर र हैरान हो गए और कहा तुम जिंदा कैसे रह सकती हैं
और फिर महाराज ने मनोरमा को कालकोठरी (Jail) में डलवा दिया और रात भर यह सोचते रहते हैं कि किस तरह से इस लड़की से छुटकारा पाया जाए अगले दिन महाराज राजकुमार और मनोरमा दोनों को नदी के किनारे ले जाते हैं और राजकुमार के अंगूठी (Ring) को निकालकर नदी में फेंक देते हैं और कहते हैं अगर तुम्हें राजकुमार चाहिए तो तुम्हें यह अंगूठी इस गहरी नदी से ढूंढ (find) कर लाना होगा तभी मैं तुम्हारी शादी राजकुमार से करा दूंगा
Garib ki kahani in hindi
इस तरह से महाराज और राजकुमार वापस महल (palace) में चले जाते हैं और मनोरमा वहीं पर बैठे रहती है क्योंकि पानी बहुत ही ज्यादा गहरा था और पानी में अंगूठी ढूंढना पूरी तरह से नामुमकिन था इसलिए वह वापस मछुआरे baba के घर पर चली जाती है और वहीं पर रहने लगती है
एक दिन मछुआरा बहुत सारी मछली (Fish) पकड़ कर लाता है मनोरमा कहती है बाबा क्या मैं इसमें से एक मछली आज पका कर खा सकती हु बाबा कहते बिल्कुल यह सारी मछली तुम्हारी है उसके बाद मनोरमा एक मछली ले लेती है और बाबा सभी मछलियों को बाजार (market) में बेचने चले जाते हैं
और मनोरमा जैसे ही उस मछली को काटती (cut) है तो वह देखती है कोई चीज मछली के पेट में चमक रही होती हैं और वह वही अंगूठी होती है जो महाराज ने राजकुमार के हाथ से निकाल कर नदी में फेंके दी थी
मनोरमा जल्दी से अंगूठी को लेकर महल में जाती है और यह राजा को दिखाती है राजा यह देख कर हैरान (Shock) हो जाते हैं और वे कहते हैं हमने हार मान लिए और मैं समझ चुका हूं कि मैं लिखे हुए को नहीं बदल सकता
इस तरह मनोरमा और राजकुमार की शादी (marriage) धूमधाम से करा दी जाती हैं और इस तरह से एक गरीब परिवार की लड़की उस राज्य की राजकुमारी बन जाती है
Explanation:
एक बार की बात है, एक गांव में दो दोस्त हुआ करते थे। एक का नाम था राजेश और दूसरे का नाम था दिनेश। दोनों एक साथ खेती किया करते थे। और काफी मेहनत करके अपना घर चलाते थे। एक दिन अचानक उस गांव में एक बहुत बड़ा व्यापारी आता है। और लोग उसकी चकाचौंद देखकर बहुत प्रभाबित होते है। पुरे गांव में उस व्यापारी की चर्चा होने लगती है।
ऐसेही राजेश और दिनेश भी इसी बारें में बात करने लगे। राजेश कहता है, “बाह जिंदगी हो तो ऐसी। देखो उसके कितने ठाठबाट है। उसके आसपास हमेशा हजारों लोग हाथजोड़ घूमते है। और हमें देखो रोज रोज की वही मेहनत और खाने के लिए कुछ पैसे।”दिनेश कहता है, “अरे भाई राजेश, जिसके पास जितना है हमें उतने में ही खुश रहना चाहिए। भगवान ने कमसकम हमें रहने की छद दी है, खाने की दो वक़्त की रोटी दी है। अगर ज्यादा इच्छाएं रखोगे तो भगवान वह भी तुमसे छीन लेंगे।” इसपर राजेश ने कहा, “तू भी न दिनेश हमेशा ज्ञान बांटता रहता है। छोड़ मुझे क्या? मैं कौनसा अमीर बनने वाला हूँ। वही जिंदगी है, वही फटे-पुराने कपडे।”
राजेश को उस व्यापारी की अमीरी देखकर बहुत जलन होने लगी। और वह बस उसी के सपनों में खोया रहता है। रात-दिन वह बस अमीर होने का ख्वाब देखने लगता है। उसका मन काम में नहीं लगता। वह हमेशा सिर्फ अमीरी के सपने देखने लगता है। इसी कारन उसकी खेती अच्छे से नहीं होती। वह दिन व दिन बहुत गरीब होने लगता है। खाने के भी लाले पड़ने लगते है।
राजेश की ऐसी हालत देखकर दिनेश राजेश से बोलता है, “राजेश ऐसा कब तक चलेगा? तुम दिन भर खुली आँखों से सपने देखने लगते हो। तुम्हे मेहनत करनी चाहिए और अपने काम में धियान देना चाहिए।” राजेश ने कहा, “तुम अपना काम क्यों नहीं करते? सपने देखने से ही पुरे होते है दिनेश। और तुम देखना एक न एक दिन जरूर अमीर बन जाऊँगा।” दिनेश ने कहा, “मैं तुम्हे चाहे जितना भी समझा लू पर तुम्हे तो अपनी ही करनी है। मैं तो तुम्हारे भले के लिए ही बोल रहा हूँ। बाकि तुम्हारी मर्जी।” राजेश को दिनेश की बातें बेफालतू की लगती है। उसे लगता है की दिनेश हमेशा उसे डाटता ही रहता है।
एक दिन राजेश ऐसेही गांव के बाजार में काम की तलाश में घूमता रहता है। तभी उसे एक लॉटरी वाला दीखता है जो लॉटरी के टिकट बेच रहा होता है। राजेश ने लॉटरी वाले से कहा, “अरे भाई लॉटरी लगेगी भी या यु ही बेच रहे हो।” लॉटरी वाले ने कहा, “अरे भाई बिलकुल लगेगी, गांव में जो नया व्यापारी आया है वह भी लॉटरी खरीदकर ही मालामाल हुआ है।”
राजेश ने लालच में आकर लॉटरी खरीद ली और मन ही मन करोड़पति देखने का ख्वाब देखने लगता है। अगले शाम को लॉटरी का रिजल्ट निकलने वाला था। इसलिए राजेश अपनी टिकट लेकर उसी दुकानदार के पास जाता है। वह दुकान वाले से पूछता है, “क्यों भाई रिजल्ट आया? जरा मुझे नंबर तो बताना।” राजेश अपनी लॉटरी के नंबर को ध्यान से देखता है।
उसका नंबर रिजल्ट के नंबर से मैच कर जाता है। राजेश बहुत खुश हो गया क्यूंकि वह अब करोड़पति बन गया था।