Psychology, asked by kapilkamboj231, 6 months ago

गरीबी दो कि भाव है व्याख्या करो​

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Answered by Anonymous
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मानस में, गरीबी भय, चिंता, तनाव और चिंता, निरंतर चिंता को भूल जाती है। आत्मा में, गरीबी, जो महसूस करती है कि आप का नुकसान पता है कि क्या नहीं है, हमेशा आपको याद दिलाने के लिए एक ठंडी मुट्ठी की तरह है कि कल आज की तरह ही होगा।

Answered by khushisaini3054
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Answer:

गरीबी भूख है और उस अवस्था में जुड़ी हुई है निरन्तरता। यानी सतत् भूख की स्थिति का बने रहना। गरीबी है एक उचित रहवास का अभाव, गरीबी है बीमार होने पर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ ले पाने में असक्षम होना, विद्यालय न जा पाना और पढ़ न पाना। गरीबी है आजीविका के साधनों का अभाव और दिन में दोनों समय भोजन न मिल पाना।

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