गर्मी की छुट्टियों में दादा जी और दादी जी के पास ना पहुंच पाने के कारण पर एक पत्र लिखो
Answers
Explanation:
आदरणीय दादीजी,
सादर प्रणाम,
मैं यहाँ कुशलता से हूँ तथा आपके और दादाजी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूँ | सुनाने में आ रहा है कि इस वर्ष गाँव में बड़े जोर की ठंड पड रही है | पिछले कई वर्षों में ऐसी ठंडी नहीं पड़ी थी | उम्मीद है आपको इस वजह से अधिक कष्ट नहीं उठना पद रहा होगा |
मैं आपसे कई बार निवेदन कर चूका हूँ कि आप और दादाजी यहाँ मुंबई में आकर हमारे साथ रहे | आप दोनों का गाँव से बहुत मोह है किन्तु हम लोगों के साथ वक्त बिताना भी जरुरी है | पिताजी की नौकरी और मेरे स्कूल के कारण हम लोग तो गाँव जा ही नहीं पाते | मेरा तो पूरा बचपन आपके और दादाजी के बिना ही बीता है |
मेरे कई मित्रों के दादा-दादी उनके साथ ही रहते हैं | वो उन्हें अपने पुराने अनुभव, रामायण-महाभारत की कहानियाँ और भी कई बातें बताते रहते हैं | मेरे मित्र उन बातों को स्कूल में आकर बताते हैं तो मुझे बहुत इर्ष्या होती है | पिताजी और माँ भी आप दोनों को बहुत याद करते हैं |
गाँव से आपको कितना भी मोह हो, अब आपको आकर हमारे साथ रहना ही चाहिए | आप की सेहत भी अब पहले जैसी अच्छी नहीं रहती | अतः साथ में कोई ध्यान रखनेवाला जरुरी है | आप दादाजी से जल्दी से जल्दी बात कर आने की तारिख निश्चित कर मुझे पत्र लिखे | पिताजी स्वयं आपको और दादाजी को लेने गाँव जायेंगे |
माँ और पिताजी यहाँ कुशल हैं | उन्हें भी इस बात की उम्मीद है कि इस बार आप आने के लिए राजी हो जायेंगे |
आपका स्नेहाभिलाषी पौत्र,
Answer:
गर्मी की छुट्टियों में दादा जी और दादी जी के पास ना पहुंच पाने के कारण पर एक पत्र इस प्रकार है-
Explanation:
पार्कसाइड रेजीडेंसी,
इंदिरा नगर,
नासिक|
प्रिय दादी माँ,
हाय दादी! क्या हाल है? मुझे आशा है कि सब ठीक है। मैं और माँ पिताजी भी अच्छा कर रहे हैं। शायद दिल्ली में एक अलग माहौल होगा, क्योंकि कोविड - महामारी ऊपर है।
मैं वास्तव में आपको यह पत्र इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि मैं आपको इस वर्ष कुछ बहुत ही असामान्य बताना चाहता हूं। हर गर्मी की छुट्टियों में, मैं गर्मियों की छुट्टियों में आपके साथ शामिल होने के लिए दिल्ली आया करता था और बहुत आनंद लेता था, लेकिन दुर्भाग्य से इस बार हम वहां नहीं आ सकते।
मैं आपको और दादाजी को बहुत याद कर रहा हूं..लॉकडाउन के कारण मैं इस साल आपके साथ नहीं रह पाऊंगा| मैं वास्तव में इसके लिए बहुत निराश हूं|
लेकिन सरकार के निर्देशों का पालन करना जरूरी है| कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है| आप और दादाजी अपना ख्याल रखें और बस स्वस्थ रहें। मैं वादा करता हूँ कि मैं अगले साल आपके साथ ज़रूर आऊँगा| तब तक घर पर रहो और सुरक्षित रहो मेरी प्यारी दादी।
आपकी पोती,
निशा
#SPJ2