गर्मी का मूल शब्द और प्रत्यय
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Explanation:
मूल शब्द - गर्म
प्रत्यय - ई
Answer:
आपका सवाल है गर्मी का मूल शब्द गर्मी शब्द में अग्नि का समावेश होता है अगली से उर्जा उर्जा की कई प्रकार सबसे पहला जो देखने को मिलता है वह होता है सूर्य का प्रकाश जिसे कोई मिटा नहीं सकता है अब हम उसे चांद नहीं कर सकते मुसलमानी नहीं कर सकते क्योंकि वह किसी भी वस्तु को जलाने की क्षमता रखता है इसीलिए हम रोजमर्रा की जिंदगी में वह सोजा कहानी जैसे किसी को गुस्सा आ गया तो हम कह देंगे इतना करम दिमाग है इसका किसी चीज में जलन सी हो रही है तो कितनी गर्मी हो रही है और सारा स्त्रोत सूरज ही रहता है हम कभी चाय कर्म पीते हैं उस शब्द को हर जो हम दिल चाय गरम है दिमाग गरम है हम लोग परिभाषा में हम यह नहीं कह सकते सूरज गर्म है यह सॉरी के मतलब चाय गरम की जगह हम कहेंगे कि चाय सूरज है इसका दिमाग सूरज है ऐसा नहीं कर सकते यह एक लैंग्वेज ऐसी बनी हुई है शब्दों को स्त्री जिसे हम आम भाषा में गर्मी में जोड़ के कई शब्दों को परिभाषित करते हैं पर गर्मी का यही है सूजन हो जा जाने सूरज