गर्मियों की छुट्टियों के अनुभव को व्यक्त करते हुए चाचा जी को रचनात्मक ढंग से पत्र लिखिए
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दिनंाक: 10.8.20…..
आदरणीय चाचा जी,
सादर प्रणाम।
मैं यहाँ सकुशल एवं आनंद से हूँ। आशा है आप भी आदरणीय चाची जी व अनुज, अतुल सहित सकुशल होगें। अभी दो दिन पूर्व ही गरमियों की छुट्टियाँ बिताकर मै दिल्ली से वापस लौटा हूँ। गरमियों मे दिल्ली का तापमान अधिक होता है, परंतु अनेकता में एकता का संपूर्ण अनुभव मुझे वहाँ देखने को मिला। हर तरफ भागते-दौड़ते लोग यहाँ के वातावरण को गतिशील बनाते हैं।
दिल्ली अत्यंत प्राचीन नगर है। यहाँ मैंने लाल किला, कुतुबमीनार, इंडिया गेट, राष्ट्रपति भवन, बहाई-मंदिर, जामा मस्जिद तथा पुराना किला आदि ऐतिहासिक स्थलोें को देखा। यहाँ के चिड़ियाघर में सभी प्रकार के जीव-जन्तु देखने को मिलते है। यहाँ मेरा पुराना मित्र राजेश भी मिल गया था जिससे घूमने का आनंद और भी बढ़ गया था। यहाँ बड़ी-बड़ी गगनचुंबी इमारतों के अतिरिक्त कई मंदिर भी दर्शनीय है। छतरपुर के मंदिर तो विशेष रूप से दर्शनीय हैं। पूरी छुट्टियों भर अतुल की कमी बहुत महसूस हुई।
मुझे पुनः यदि दिल्ली भ्रमण का अवसर मिलेगा तब निस्संदेह चाहूँगा कि आप सभी मेरे साथ हो।
पुनः आपको एवं चाचीजी को सादर प्रणाम सहित,
आपका भतीजा रजत
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