Garib adami ka ghar nahi ujadana nahi chaiye is khatan ka kya matlab hai
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इस कथन का यह आशय है कि एक गरीब ज़िन्दगी भर कठीन परीश्रम करता रहता है अपनी दो वक्त की रोटी के लिए, यदि फिर भी उससे उसका हक छीना जाए तो यह घोर अन्याय है। जैसा कि पाठ माटी वाली में बताया गया है कि उस बूढ़ी औरत के पास कुछ भी नहीं है उसका क्या होगा, उसका तो बूढ़ा भी उसे छोड़ के चला गया ।
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