गति के दूसरे नियम के कोई दो अनुप्रयोग लिखिए
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2. गति का द्वितीय नियम (Law of Momentum यानी संवेग का नियम): वस्तु के संवेग (Momentum) में परिवर्तन की दर उस पर लगाये गये बल के अनुक्र्मानुपाती (Directly proportional) होती है तथा संवेग परिवर्तन आरोपित बल की दिशा में ही होती है अर्थात् यह उस दिशा में ही होती है जिस दिशा में बल लगता है. इस नियम में हमें बल का परिमाण या दो बलों का तुलनात्मक ज्ञान के बारे में पता चलता है.
उदाहरण: क्रिकेट खिलाड़ी तेज़ी से आती हुई गेंद को केंच करते समय अपने हाथों को गेंद के वेग को कम करने के लिए पीछे की और खीच लेता है, ताकि उसको चोट न लगे.
आइये देखते हैं आवेग (Momentum) क्या होता है?
ये हम सब जानते हैं कि गतिशील वस्तु के सामने रुकावट डालने से हमें धक्का लगता हैं. जो वस्तु जितनी ही गतिशील होती है उसको रोकने में उतना ही m
अधिक धक्के का अनुभव हमें होता है. बन्दूक की गोली से तीव्र आघात, गोली के तीव्र वेग के कारण ही होता है. इस प्रकार यदि हमें दो वस्तुओं में समान वेग उत्पन्न करना हो तो हमें उस विशेष वस्तु में अधिक बल लगाना पड़ता है, जिसकी मात्रा अपेक्षाकृत अधिक रहती है l
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उदाहरण: जब क्रिकेट के किसी फील्डर के पास बॉल तेजी से आती है तो बॉल को पकड़ते समय वह अपने हाथों को थोड़ा पीछे की ओर खींच लेता है। इससे बॉल के संवेग को शून्य करने के लिए अतिरिक्त समय मिल जाता है। इससे खिलाड़ी को चोट लगने की संभावना कम हो जाती है। यदि फील्डर अचानक से गेंद को पकड़ेगा तो उसकी हथेलियों में बहुत चोट लगेगी।