Physics, asked by sauravjha9293, 1 year ago

गतिशील आवेश से कौन-कौन से क्षेत्र उत्पन्न होते हैं

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Answered by harpreet2223
5

दिये गये चालक के अनुप्रस्थ काट से एक सेकण्ड में प्रवाहित विध्युत आवेश की मात्रा विध्युत धारा कहलाती है।

इस प्रकार यदि Q वह आवेश है जो समय t पर चालक में से प्रवाहित होता है, तब धारा (I) दी जाती है -

विध्युत धारा (या धारा) अदिश राशि है।

धारा की इकार्इ

आवेश (Q) की SI इकार्इ कूलाम्ब (C) है, और समय (t) की सेकण्ड (S) है। इसलिए ,

धारा की SI इकार्इ

= 1 एम्पियर

इकार्इ कूलाम्ब प्रति सेकण्ड (Cs–1) धारा (A) एम्पियर कहलाती है।

विध्युत धारा की दिशा :

धनात्मक आवेश के प्रवाहित होने की दिशा को विध्युत धारा की दिशा माना जाता है। जब हम एक साधारण चालक में विध्युत धारा के प्रवाहित होने पर विचार करते है, जैसे कि कॉपर का तार, धारा की दिशा इलेक्ट्रॉन के प्रवाहित होने की दिशा के विपरीत ली जाती है।

Answered by sardarg41
0

Answer:दिये गये चालक के अनुप्रस्थ काट से एक सेकण्ड में प्रवाहित विध्युत आवेश की मात्रा विध्युत धारा कहलाती है।

इस प्रकार यदि Q वह आवेश है जो समय t पर चालक में से प्रवाहित होता है, तब धारा (I) दी जाती है -

विध्युत धारा (या धारा) अदिश राशि है।

धारा की इकार्इ

आवेश (Q) की SI इकार्इ कूलाम्ब (C) है, और समय (t) की सेकण्ड (S) है। इसलिए ,

धारा की SI इकार्इ

= 1 एम्पियर

इकार्इ कूलाम्ब प्रति सेकण्ड (Cs–1) धारा (A) एम्पियर कहलाती है।

विध्युत धारा की दिशा :

धनात्मक आवेश के प्रवाहित होने की दिशा को विध्युत धारा की दिशा माना जाता है। जब हम एक साधारण चालक में विध्युत धारा के प्रवाहित होने पर विचार करते है, जैसे कि कॉपर का तार, धारा की दिशा इलेक्ट्रॉन के प्रवाहित होने की दिशा के विपरीत ली जाती है।

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