Hindi, asked by debjanimunshi17, 5 months ago

गतिविधि
कहानी लेखन
१. नीचे दिए गए चित्र को देखकर और संकेतों को पढ़कर कहानी
खरगोश और कछुआ अच्छे मित्र थे।
खरगोश और कछुआ ने दौड़ लगाने की सोची।
खरगोश पेड़ की ठंडी छाया में आलस करने लगा।
.
कछुआ चलता रहा और जीत गया।​

Answers

Answered by yubika76
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कछुआ और खरगोश कि मित्रता

कछुआ और खरगोश दोनों ही बहुत अच्छे मित्र थे। दोनों में बहुत ही गहरी मित्रता थी। एक बार वे जंगल की सैर पर निकले,लेकिन कछुआ तो बहुत ही धीरे धीरे चलता है और खरगोश बहुत तेजी से खरगोश ने कछुए से बोला ''मित्र थोड़ी गति बढ़ाओ।लेकिन कछुआ बोला मित्र क्या करूं मेरी तो इतनी ही गति भगवान ने दी है।खरगोश बहुत ही गुस्सा हो गया और बोला क्यों?? तुम्हें भगवान इतनी कम गति दी है आप मेरे दोस्त नहीं हो,कछुआ यह सुनकर बहुत ही उदास हो गया।कछुआ बिचारा बोला मित्र तुम बस गति के लिए मुझसे दोस्ती तोड़ दोगे यह भी तो याद करो हम कितने सालों से पक्के दोस्त हैं ।खरगोश को समय कुछ नहीं समझ आ रहा था वह बस अपनी गति को लेकर बहुत ही घमंड करने लगा।तब खरगोश गुस्से गुस्से में बोला क्यों तुम्हें बुरा लग गया मैंने तुम्हारे गति के बारे में बोला तो एक चिड़िया यह सब बहुत देर से देख रही थी वह समझ रही थी कि खरगोश को अपना गति का घमंड हो चुका है तभी चिड़िया ने दोनों को रोकते हुए कहा अरे तुम दोनों लड़ो मत मेरे पास एक उपाय है।तुम दोनों क्यों नहीं एक दौड़ लगाते हो जो जीता वो सिकंदर।खरगोश बहुत ही खुशी से बोला नाइस कछुए से देश करो कछुए ने बोला क्यों तुम्हें डर लगता है कि तुम हार गए तो तुम्हारी इज्जत चली जाएगी कछुए ने उत्साह ते हुए बोला और इसी तरह दोनों में प्रतियोगिता शुरू हो गई और खरगोश तुम बहुत सारा खाना खाकर आया लेकिन कछुए ने बहुत सारी तैयारियां की थी और कछुआ की मेहनत रंग लाई कछुआ दौड़ प्रतियोगिता जीत गया।इसी तरह इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कभी भी किसी चीज पर घमंड नहीं करना चाहिए।खमंड एक दिन जरूर चूर चूर हो जाता है।।।

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