गद और पद में अंतर हिंदी में
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गद्य और पद्य दोनों साहित्य की महत्वपूर्ण विधा हैं। यह दोनों साहित्य की दो प्रमुख विधाओं में से हैं।
गद्य और पद्य के बीच मुख्य अंतर इस प्रकार है...
गद्य : गद्य में तथ्यात्मक बातों का सीधी सरल भाषा में तुकबंदी के प्रयोग किया जाता है। जिसके अंतर्गत कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध, व्यंग्य, आत्मकथा, रेखाचित्र, यात्रा वृतांत, डायरी, लेख आदि लिखे जाते हैं। गद्य में तुकबंदी का विशेष महत्व नहीं होता। गद्य में अलंकारों का प्रयोग होता भी नही होता है। न ही गद्य में रस का प्रयोग होता है। गद्य में बुद्धि तत्व की प्रधानता होती है, जिसमें लेखक की विचारशीलता प्रमुख होती है।
पद्य : पद्य काव्यात्मक के शैली में लिखी जाने वाली विधा है। जिसके अंतर्गत कविता, गाने, छंद, भजन, गीत, गजल, दोहे, चौपाई, मुक्तक आदि लिखे जाते हैं। पद्य में तुकबंदी का विशेष महत्व होता है। पद में अलंकारों का प्रयोग किया जाता है। रस का प्रयोग होता है। पद्य में लयात्मकता होती है। पद्य में भाव तत्व की प्रधानता होती है, कवि की कोमल भावनाएं होती हैं और कल्पनाशीलता की प्रमुखता होती है।