गद्य आकलन (प्रश्न निर्मिति)
•दिए गए परिच्छेद (गद्यांश) को पड़कर उसी के आधार पर पांच प्रश्नों की निविति करनी है। प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में हो
ऐसे ही प्रश्न बनाए जाएँ। • प्रश्न के उत्तर लिखना अपेक्षित नहीं है।
अपन ऐसे हों: तैयार प्रश्न सार्थक एवं प्रश्न के प्रारूप में हो। • पश्न रचना और प्रश्नों के उत्तर दिए गए गददाश पर आधारित
हो। रचित प्रश्न के अंत में प्रश्नचिह्न लगाना आवश्यक है। • प्रश्न समूचे परिच्छेद पर आधारित हो।
मनुष्य को अपने जीवन की आवश्यकताएं पूर्ण करने के लिए बहुत कुछ श्रम करना पड़ता है । इस बम से धके
हुए मन और मस्तिष्क को विधाम की आवश्यकता होती है, शरीर पर भी इस बम का प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह
भी विधाम मांगता है किंतु यदि मनुष्य आलसी की भांति सीधा चारपाई पर लेट जाए तो इससे वह यकार भले ही उतार
ते, परंतु वह नया उत्साह नहीं पा सकता जो उसे अगले दिन फिर से काम करने की शक्ति प्रदान कर सके । यह सभी
हो सकता है जब दिन भर के काम से थके मन को हँस-खेलकर बहला लिया जाए। आकर्षक गीत सुनकर या सुंदर
दृश्य देखकर दिन भर पढ्ने अथवा सोचने से दिमाग पर जो प्रभाव पड़ा हो, उसे निकालकर मस्तिष्क को उस चिंता से
दूर कर देना चाहिए। इसका परिणाम यह होगा कि मनुष्य पुनः विषय पर नई शक्ति से सोच विचार कर सकेगा।
प्रश्नः
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1.श्रम क्यु करना पड़ता है?
2.मन और मस्तिष्क को किसकी आवश्यकता होती है?
3.विधाम की आवश्यकता क्यु होती है?
4.मनुष्य नया उत्साह कब नहीं पा सकता ?
5.थके मन को केसे बहला लिया जाता है ?
6.मस्तिष्क को कीस चिंता से दूर कर देना चाहिए?
7.मनुष्य पुनः विषय पर नई शक्ति से सोच विचार केसे कर सकेगा?
8.विधाम क्या है?
9.मनुष्य को अपने जीवन की आवश्यकताएं पूर्ण करने के लिए क्या करना पड़ता है ?
10.मनुष्य नया उत्साह कब नहीं पा सकता?
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