२) गद्य आकलन- प्रश्ननिर्मिति निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर परिच्छेद में एक एक वाक्य में हो। गीता जीवन की कला सिखाती है। जब मैं देखता हूँ कि हमारा समाज आज हमारी संस्कृति के मौलिक सिद्धांतो की अवहेलना करता है,तब मेरा हृदय फटता है। आप चाहे जहाँ जाएँ,परंतु संस्कृति के मौलिक सिद्धांतों को सदैव साथ रखें। संसार के सारे सुख क्षणभंगुर एवं अस्थायी होते हैं। वास्तविक सुख हमारी आत्मा में ही है। चरित्र नष्ट होने से मनुष्य का सब कुछ नष्ट हो जाता है। संसार के राज्य पर विजयी होने पर भी आत्मा की हार सबसे बड़ी हार है। यही है हमारी संस्कृति का सार, जो अभ्यास द्वारा सुगम बनाकर कार्यरूप में परिणत किया जा सकता है।
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१। गीता क्या सिखाती है?
२। संसार के सारे सुख कैसे है?
३। वास्तविक सुख कहा है?
४। हम जहाँ भी जाएँ, परंतु हमें अपने साथ हमेशा क्या रखना चाहिए?
२। संसार के सारे सुख कैसे है?
३। वास्तविक सुख कहा है?
४। हम जहाँ भी जाएँ, परंतु हमें अपने साथ हमेशा क्या रखना चाहिए?
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Answer:
gff
Explanation:
ggc
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