गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
इन दिनों कुछ ऐसा माहौल बना है कि ईमानदारी से मेहनत करके जीविका चलानेवाले निरीह और भोले-भालेश्री पिस रहे हैं और झूठ तथा फरेब का रोजगार करनेवाले फल-फूल रहे हैं। ईमानदारी की मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है, सच्चाई केवल भीक और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है। ऐसी स्थिति में जीवन के महान मूल्यों के बारे में लोगों की आस्था ही हिलने लगी है। (क) लेखक कहाँ के माहौल की बात कर रहा है ? वहाँ की क्या विशेषता रही है ? संक्षेप में लिखिए।
(ख) भगवान के डाकिए कौन हैक ने उन्हें डाकिए क्यों बताया है ? स्पष्ट कीजिए
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ईमानदारी से मेहनत करके जीविका चलाने वाले निर्णय और भोले भाले क्षेत्र रहे हैं और झूठ था फरेब के रूप का करने वाले फल फूल रहे हैं ऐसी मोहल्ले की बात करी है
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