गद्यांश
यदि हम वैद्य होते, तो कफ और पित्त के सहवर्ती वात की व्याख्या करते
तथा भूगोल वेत्ता होते, तो किसी देश के जल-बात का वर्णन करते, किन्तु
दोनों विषयों में से हमें एक बात कहने का भी प्रयोजन नहीं है। हम तो केवल
उसी बात के ऊपर दो-चार बातें लिखते हैं, जो हमारे-तुम्हारे सम्भाषण के
समय मुख से निकल-निकल के परस्पर हृदयस्थ भाव को प्रकाशित करती
रहती है।
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Explanation:
I am a boy I am a boy I am a boy I'm a boy
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