Hindi, asked by thawarearti8, 2 months ago

गधा और लोमड़ी की कहानी​

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Answered by moryarajendra166
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Answer:

एक बार जंगल में रहने वाली चालाक लोमड़ी की मुलाकात सीधे सादे गधे से हुई . उसने गधे के सामने मित्रता का प्रस्ताव रखा . गधे का कोई मित्र नहीं था . उसने लोमड़ी की मित्रता स्वीकार कर ली . दोनों ने एक - दूसरे को वचन दिया कि वे सदा एक - दूसरे की सहायता करेंगे . उस दिन के बाद से दोनों अपना अधिकांश समय एक - दूसरे के साथ गुजारने लगे . वे जंगल में घूमा करते , घंटों एक - दूसरे से बातें किया करते थे . गधा लोमड़ी का साथ पाकर बहुत खुश था .

एक दिन दोनों जंगल के तालाब किनारे बातें कर रहे थे . तभी वहाँ जंगल का राजा शेर पानी पीने आया . उसने जब गधे को देखा , तो उसके मुँह में पानी आ गया . लोमड़ी को शेर की मंशा भांपते देर नहीं लगी . वह सोचने लगी कि क्यों न शेर से एक समझौता किया जाए . मैं को मारने सहायता करूंगी . इस तरह मेरे भोजन की भी व्यवस्था को जायेगी

वह शेर के पास गई और मधुर स्वर में बोली , वनराज ! यदि आप उस गधे का मांस खाना चाहते हैं , तो आपकी सहायता कर सकती हूँ . बस आप मुझे वचन दें कि आप मुझे कोई नुकसान नहीं पहुँचायेंगे और

थोड़ा मांस मुझे भी दे देंगे . "

शेर भला सामने से आ रहे प्रस्ताव को क्यों अस्वीकार करता ? वह मान गया . अगले दिन योजना अनुसार लोमड़ी गधे को भोजन ढूंढने के बहाने जंगल में एक ऐसे स्थान पर ले गई , जहाँ एक गहरा गड्ढा था .

लोमड़ी की बातों में उलझे गधे की दृष्टि गड्ढे पर नहीं पड़ी और वह उसमें गिर पड़ा . लोमड़ी ने तुरंत पेड़ के पीछे छुपे शेर को इशारा कर दिया . शेर भी इसी अवसर की ताक में था

उसने पहले लोमड़ी पर हमला किया और उसे मारकर छककर उसका मांस खाया . बाद में उसने गधे को मारकर उसके दावत उड़ाई .

शिक्षा ( Moral of the story ) मित्र को धोखा देने वाले का परिणाम बुरा होता है .

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