Hindi, asked by varsha385, 10 months ago

Gautama Buddha ka jivan Aur darshan Aj bhi prasangik h anuched​

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Answered by rohan2492
5

Answer:

हजारों साल बाद भी सत्य, अहिंसा, दया, करुणा, शांति और मैत्री जैसे मानवीय मूल्यों पर आधारित भगवान गौतम बुद्ध का जीवन दर्शन आज भी प्रासंगिक है। छत्तीसगढ़ में गौतम बुद्ध के प्रेरणादायक जीवन दर्शन का अमिट प्रभाव रहा है, जिसे महानदी के किनारे सिरपुर में प्राप्त सैंकड़ों वर्ष पुराने आनंद प्रभु कुटी विहार और स्वास्तिक विहार जैसे बौद्ध स्मारकों और भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमाओं में देखा जा सकता है।

अस्थिरता एवं विघटनकारी ताकतों से मानव जीवन के लिए खतरा बढ़ा है और लोगों के बीच सौहार्र्द में कमी आई है। बढ़ती हिंसा से उत्पन्न खतरे से निपटने के लिए महात्मा बुद्ध के संदेश व सिद्धांत व उनके आदर्शों को अपनाने की आवश्यकता बुद्ध के संदेश को अपनाने से समरसता और शांति प्रिय समाज की स्थापना को बल मिलेगा।

भगवान बुद्ध की जयंती पर माँस बिक्री प्रतिबंधित रहती है। साथ ही बौद्ध प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करके दीप जलाएँ जाते हैं।

Answered by stuffin
3

Answer:

हजारों साल बाद भी सत्य, अहिंसा, दया, करुणा, शांति और मैत्री जैसे मानवीय मूल्यों पर आधारित भगवान गौतम बुद्ध का जीवन दर्शन आज भी प्रासंगिक है। छत्तीसगढ़ में गौतम बुद्ध के प्रेरणादायक जीवन दर्शन का अमिट प्रभाव रहा है, जिसे महानदी के किनारे सिरपुर में प्राप्त सैंकड़ों वर्ष पुराने आनंद प्रभु कुटी विहार और स्वास्तिक विहार जैसे बौद्ध स्मारकों और भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमाओं में देखा जा सकता है। 

अस्थिरता एवं विघटनकारी ताकतों से मानव जीवन के लिए खतरा बढ़ा है और लोगों के बीच सौहार्र्द में कमी आई है। बढ़ती हिंसा से उत्पन्न खतरे से निपटने के लिए महात्मा बुद्ध के संदेश व सिद्धांत व उनके आदर्शों को अपनाने की आवश्यकता बुद्ध के संदेश को अपनाने से समरसता और शांति प्रिय समाज की स्थापना को बल मिलेगा। 

भगवान बुद्ध की जयंती पर माँस बिक्री प्रतिबंधित रहती है। साथ ही बौद्ध प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करके दीप जलाएँ जाते हैं।

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