Gavn me bijali samsya ke liye dainik bhaskar ko ek patra likhiye .
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कुछ समय पहले ही देश के पॉवर ग्रिड ताश के पत्तों के महल की तरह धराशाई हो गए । चौबीस घंटे के भीतर ही पांच में से तीन पॉवर ग्रिड-उत्तरी, पूर्वी और पूर्वोत्तर फेल हो गए । ये पॉवर ग्रिड करीब 50 हजार मेगावट बिजली का पारेषण कर रहे थे । इनके फेल होने से देश के लगभग 60 करोड़ लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया ।
समस्या की शुरूआत आगरा स्थित पॉवर लाइन में एक अंदरूनी तकनीकी गड़बड़ी से हुई । इससे उत्तरी ग्रिड उसे मिल रही बिजली के एक बड़े हिस्से से वंचित हो गया । ऐसा होते ही सभी रायों को तत्काल ग्रिड से अपने लोड में कमी करने को कहा जाना चाहिए था । लेकिन जब तक आदेश जारी होता, तब तक बहुत देर हो चुकी थी । अधिक लोड होने के कारण ग्रिड पर अधिकांश जनरेटर्स की फ्रिक्वेंसी भी कम हो गई थी । कोई भी क्षेत्र अपने लोड में कमी करने को तैयार नहीं था । परिणाम यह निकला कि पूरा ग्रिड ही ठप हो गया ।
जून 2012 तक भारत में कुल स्थापित बिजली क्षमता 2,05,340 मेगावॉट थी । वित्तीय वर्ष 2011-12 में देश में बिजली के उत्पादन में 8.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, लेकिन इसके बावजूद अधिकतम मांग के समय में बिजली की 10.6 फीसदी की कमी रही । कमजोर मानसून की वजह से पनबिजली उत्पादन में कमी आई, और गर्मी अधिक होने के कारण बिजली की खपत बढ़ गई । पहले ही बिजली पूरी नहीं मिल पा रही थी और कमजोर मानसून के कारण स्थिति और भी बिगड़ गई ।
समस्या की शुरूआत आगरा स्थित पॉवर लाइन में एक अंदरूनी तकनीकी गड़बड़ी से हुई । इससे उत्तरी ग्रिड उसे मिल रही बिजली के एक बड़े हिस्से से वंचित हो गया । ऐसा होते ही सभी रायों को तत्काल ग्रिड से अपने लोड में कमी करने को कहा जाना चाहिए था । लेकिन जब तक आदेश जारी होता, तब तक बहुत देर हो चुकी थी । अधिक लोड होने के कारण ग्रिड पर अधिकांश जनरेटर्स की फ्रिक्वेंसी भी कम हो गई थी । कोई भी क्षेत्र अपने लोड में कमी करने को तैयार नहीं था । परिणाम यह निकला कि पूरा ग्रिड ही ठप हो गया ।
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