Hindi, asked by ethanlyle28, 7 months ago

Gawain sa pagkatuto bilang 2: prosesong tanong
1. Ano ang naging batayan mo sa pagsasagot ng gawain?
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2. Ano and dahilan kung bakit nag kakaroon ng digmaan?
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3. Ano ang posibleng mangyari sa panahon ng digmaan? Ipaliwanag
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4. Gamit ang organizer sa itaas. Pasagutan mo ito sa isang mga kasama mo sa bahay at pahambingan mimyo ito kung may pagkatulad o pagkakaiba. Ipaliwanag sa paanong paraan?
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sorry po ito po ay ap pero di ko po makita eh sorry

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Answered by chitranshitushir
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Poetry / स्नेह-पथ

स्नेह-पथ

Bhawani Prasad Mishra

#

Hindi

हो दोस्त या कि वह दुश्मन हो,

हो परिचित या परिचय विहीन

तुम जिसे समझते रहे बड़ा

या जिसे मानते रहे दीन

यदि कभी किसी कारण से

उसके यश पर उड़ती दिखे धूल,

तो सख्त बात कह उठने की

रे, तेरे हाथों हो न भूल।

मत कहो कि वह ऐसा ही था,

मत कहो कि इसके सौ गवाह,

यदि सचमुच ही वह फिसल गया

या पकड़ी उसने गलत राह-

तो सख्त बात से नहीं, स्नेह से

काम जरा लेकर देखो;

अपने अन्तर का नेह अरे,

देकर देखो।

कितने भी गहरे रहे गत',

हर जगह प्यार जा सकता है,

कितना भी भ्रष्ट जमाना हो,

हर समय प्यार भा सकता है,

जो गिरे हुए को उठा सके

इससे प्यारा कुछ जतन नहीं,

दे प्यार उठा पाये न जिसे

इतना गहरा कुछ पतन नहीं।

देखे से प्यार भरी आँखें

दुस्साहस पीले होते हैं

हर एक धृष्टता के कपोल

आँसू से गीले होते हैं।

तो सख्त बात से नहीं

स्नेह से काम जरा लेकर देखो,

अपने अन्तर का नेह

अरे, देकर देखो।

तुमको शपथों से बड़ा प्यार,

तुमको शपथों की आदत है;

है शपथ गलत, है शपथ कठिन,

हर शपथ कि लगभग आफ़त है,

ली शपथ किसी ने और किसी के

आफत पास सरक आयी,

तुमको शपथों से प्यार मगर

तुम पर शपथें छायीं-छायीं।

तो तुम पर शपथ चढ़ाता हूँ

तुम इसे उतारो स्नेह-स्नेह,

मैं तुम पर इसको मढ़ता हूँ

तुम इसे बिखेरो गेह-गेह।

हैं शपथ तुम्हारे करूणाकर की

है शपथ तुम्हें उस नंगे की

जो भीख स्नेह की माँग-माँग

मर गया कि उस भिखमंगे की।

है सख्त बात से नहीं

स्नेह से काम जरा लेकर देखो,

अपने अन्तर का नेह

अरे, देकर देखो।

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