Hindi, asked by singhanju1856, 1 month ago

घ) 'अ'रहित व्यंजन के नीचे कौन सा चिह्नलगाया जाता है?

Answers

Answered by ITZURADITYAKING
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Answer:

HOPE IT HELPS YOU DEAR ☺️

व्यञ्जन (हल) जिन वर्णों का उच्चारण स्वर वर्णों की सहायता के बिना नहीं किया जा सकता, उन्हें व्यञ्जन या हल कहते हैं। स्वर रहित व्यञ्जन को लिखने के लिए वर्ण के नीचे हल् चिह्न ( ) लगाते हैं।

Answered by llCrownPrincell
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Explanation:

अन्य भाषाओं की तरह हिन्दी में भी स्वर और व्यंजन दो प्रकार की ध्वनियाँ हैं। व्यंजनों के भी मुख्य दो भेद हैं- मौखिक और नासिक्य। इसी तरह स्वरों के भी मुख्य दो भेद हैं- मौखिक और अनुनासिक। ‘मौखिक’ उन स्वरों को कहते हैं, जिनके उच्चारण के समय अन्दर से आने वाली हवा मुख के रास्ते बाहर निकलती है और ‘अनुनासिक’ के उच्चारण के समय हवा मुख और नाक दोनों रास्तों से बाहर निकलती है। अनुनासिक हिन्दी के अपने स्वर हैं। हिंदी की पूर्ववर्ती भाषाओं- संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश में अनुनासिक स्वर नहीं हैं। इसलिए इन भाषाओं की वर्णमाला में अनुनासिक स्वरों को लिखने की कोई व्यवस्था नहीं है। संस्कृत में अनुनासिक स्वर नहीं हैं; इसीलिए देवनागरी की वर्णमाला में अनुनासिक स्वरों को लिखने के लिए अलग से वर्ण नहीं हैं। इसीलिए हिन्दी में मौखिक स्वर वर्णों के ऊपर चंद्रबिंदु (ँ) लगा कर अनुनासिक स्वर लिखे जाते हैं। यानी चन्द्रबिन्दु (ँ) अनुनासिक स्वरों की पहचान है। हिंदी में बिंदी (ं) के दो रूप हैं- एक है चंद्रबिंदु का लघुरूप और दूसरा है अनुस्वार। जो स्वर वर्ण और उनकी मात्राएं शिरोरेखा के नीचे लिखी जाती हैं, उनके अनुनासिक रूप को लिखने के लिए उनके ऊपर चंद्रबिंदु (ँ) लगाया जाता है और जो स्वर वर्ण और उनकी मात्राएं शिरोरेखा के नीचे और नीचे-ऊपर यानी दोनों ओर लिखी जाती हैं, उनके अनुनासिक रूप को लिखने के लिए उनके ऊपर एक बिन्दी लगाई जाती है। इस बिंदी को चंद्रबिंदु का लघुरूप कहते हैं। ऐसा सिर्फ मुद्रण को सुगम बनाने के लिए किया जाता है। हंसना, आंख, ऊंट जैसे शब्दों को चंद्रबिंदु लगा कर लिखा और छापा जाता है (हँसना, आँख, ऊँट लिखना चाहिए), ; पर ‘नहीं’, ‘में’, ‘मैं’, ‘सरसों’, ‘परसों’ जैसे शब्दों में प्रयुक्त बिंदी चंद्रबिंदु का लघुरूप है।

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