घ) बहिर्भेदी एवं अंतर्भेदी शैल का निर्माण कैसे होता है?
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➲ बहिर्भेदी एवं अंतर्भेदी शैल का निर्माण प्रक्रिया इस प्रकार होती है...
बहिर्भेदी शैल : बहिर्भेदी शैल के निर्माण की प्रक्रिया में जब पृथ्वी पर ज्वालामुखी फूटता है, तो ज्वालामुखी का आग की तरह दहकता हुआ पिघला हुआ मैग्मा पृथ्वी के आंतरिक भाग से निकलकर पृथ्वी की सतह पर फैल जाता है। यही द्रवित लावा यानी मैग्मा पृथ्वी की सतह पर आकर तेजी से ठंडा होकर ठोस बन जाता है और इस तरह ‘बहिर्भेद शैल’ का निर्माण होता है। ये शैल छोटे दानेदार संरचना वाली होती हैं, जैसे बेसाल्ट चट्टानें।
अंतर्भेदी शैल : कभी-कभी ज्वालामुखी फूटते समय द्रवित मैग्मा पृथ्वी की सतह पर बाहर नहीं आता और भू-पर्पटी के अंदर ही गहराई में ठंडा हो जाता है और ठोस शैल के रूप में परिवर्तित हो जाता है। इस तरह की शैल को ‘अंर्तर्भेदी शैल’ कहते हैं। धीरे-धीरे ठंडा होने के कारण के बड़े-बड़े बड़े-बड़े दानों के रूप ले लेती हैं। जैसे ग्रेनाइट चट्टानें।
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