Hindi, asked by sk515162662, 3 months ago


(घ) भाव स्पष्ट कीजिए- ‘माइ री वा मुख की मुस्कानि सम्हारि न जैहैं न जैहैं न जैहैं।'​

Answers

Answered by minalmokal143
1

Answer:

vgfnvjghofjcoyglhcig

Answered by angelverma52
8

Answer:

I think it is correct....

Explanation:

माइ री वा मुख की मुसकानि सम्हारी न जैहै, न जैहै, न जैहै। उपर्युक्त पंक्तियों का भाव यह है कि कृष्ण की मुस्कान इतनी मोहक है कि गोपी से वह झेली नहीं जाती है अर्थात् कृष्ण की मुस्कान पर गोपी इस तरह मोहित हो जाती है कि लोक लाज का भी भय उनके मन में नहीं रहता और गोपी कृष्ण की तरफ़ खींचती जाती है।

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