(घ) 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' रचना की विधा है
(1) काव्य
(2) उपन्यास
(3) निबन्ध
(4) कहानी
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सही विकल्प है...
✔ (1) काव्य
स्पष्टीकरण ⦂
✎... ‘चाँद का मुँह टेढ़ा है’ एक कविता है। इस कविता में सन् 1953 के वर्ष का वर्णन है। कविता की इन पंक्तियों से स्पष्ट है...
चांद का है टेढ़ा मुँह!!
भयानक स्याह सन तिरपन का चांद वह !
गगन में करफ़्यू है
धरती पर चुपचाप ज़हरीली छिः थूः है !!
‘चाँद मुँह टेढ़ा है’ कविता ‘गनानन माधव मुक्तिबोध’ द्वारा लिखित कविता है। गजानन माधव मुक्तिबोध हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे, जिनका जन्म 13 नवंबर 1917 और मृत्यु 11 सितंबर 1964 को हुई।
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