(घ) डॉ. अम्बेदकर के आदर्श समाज की कल्पना में 'भ्रातृता' के महत्व को स्पष्ट
कीजिए।
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डॉ० आंबेडकर 'समता' को कल्पना की वस्तु मानते हैं। उनका मानना है कि हर व्यक्ति समान नहीं होता। वह जन्म से ही । ... पूर्ण समता एक काल्पनिक स्थिति है, परंतु हर व्यक्ति को अपनी क्षमता को विकसित करने के लिए समान अवसर मिलने चाहिए।
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