घ) फूल और काँटे के ढंग एक-से कैसे नहीं होते
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उत्तर:- फूल और कांटे का व्यवहार एवं प्रभाव परिस्थिति के अनुकूल रहकर अलग अलग हैं। फुल आदर्श का प्रतीक है। वह तितलियों और भौंरों से प्रेम करता है तथा उन्हें भरपूर रस पिने को देता है। इसका महत्व एवं प्रभाव इतना व्यापक है कि यह पूजा पाठ के काम आता है तथा देवताओं के श्रृंगार हेतु उनके मस्तक पर चढ़ाया जाता है ।फूलों से पिरोया गया माला श्रद्धा एवं भक्ति का प्रतीक माना जाता है। व्यवहारिक दृष्टि से दूसरी कड़ी में कांटे हमेशा चुभन देते हैं तथा इनका क्रुर स्वभाव निंदनीय होता है। ये तितलियों के पंख काट डालते हैं तथा भौंरो के शरीर को बिंध देते हैं। इनके संपर्क में आने वालों की उंगली को घायल कर देते हैं, कपड़े फाड़ देते हैं तथा इनके प्रभाव एवं दूर्व्यवहार से सभी सतर्क रहते हैं।
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