(घ) गली कड़ी के सहारे चलता ढुंआ किसी तरह मध्ये के पास पहुंच गया। मलबे में अब मिट्टी दी मिट्टी थी जिसमें जदांतहा टूटी और जली हुई ईट बाहर झांक रही थी तोड़े और लकड़ी का सामान उसमें से कब का निकाला जा चुका था केवल एक जते हुए दरवाजे का चौसट न जाने कैसे बचा रह गया था। पीछे की तरफ जली हुई दो अलमारियां की जिनकी कालिस पर अब सफेदी की हल्की हल्की तह उभर आई थी।
...
Answers
Answered by
3
Answer:
फिर चाहे कितना भी मुझे रुला लो।
Similar questions