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'जागरण गीत' का मूल भाव प्रतिपाय अपने शब्दों में लिखिए।
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इस जागरण गीत में कवि असावधान और बेखबर लोगों को सोने के बदले जागने और पतन के रास्ते चलने के बदले प्रगति पथ पर आगे बढने का सन्देश देता है. उसका मानना है कि कल्पना-लोक में विचरण करने वालों को ठोस धरती की वास्तविकताओं को जानना चाहिए. कवि रास्ते में रुके हुए और घबराए हुए लोगों को साहस देना चाहता है.
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