(घ) कोया आदिवासियों के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम क्यों कहना चाहिए?
Answers
यह प्रश्न ‘अन्याय के खिलाफ’ पाठ से लिया गया है। जिसमें अंग्रेजों के अन्याय खिलाफ एक कोया आदिवासी श्री राम राजू और अन्य कोया आदिवासियों के साहस और विद्रोह का वर्णन है।
जब किसी के अत्याचार के विरुद्ध अपने देश या अपने राज्य अपने समाज की रक्षा के लिए कोई संग्राम लड़ा जाता है या पराधीनता के से मुक्ति पाने के लिये कोई लड़ाई लड़ी जाती है तो वह स्वतंत्र संग्राम ही कहलाता है।
कोया आदिवासियों के ऊपर अंग्रेज अत्याचार करते थे। आदिवासी सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर थे, पिछड़े थे, गरीब थे। अंग्रेजों ने उनसे बिना मजदूरी के जबरदस्ती सड़क बनाने के लिए जोर दिया। इसके अलावा उन पर अनेक तरह के अत्याचार करते थे। इस कारण श्री राम राजू के नेतृत्व में उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह कर दिया।
कोया आदिवासियों के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम कहना बिल्कुल उचित होगा क्योंकि उन्होंने अंग्रेजों के अत्याचार के प्रति और अपनी पराधीनता से मुक्ति पाने के प्रति एक लड़ाई छेड़ी थी।
Explanation:
अल्लूरी श्रीराम राजू के नेतृत्व मेरे को या आदिवासियों के अंग्रेज शासन के अत्याचार के खिलाफ 2 सालों तक मुकाबला किया ।
उनकी हिम्मत कराई थी लेकिन अंत में शास्त्रों की कमी और खाना पीना बंद करने जैसे अत्याचार के सामने कोई आदिवासी हार मानने लगी । अपने लोगों की परेशानी खत्म करने के लिए श्री राम राजू ने आत्मसमर्पण कर दिया । मेजर कुणाल ने उनको गोली मारकर उनकी हत्या की । इसलिए कोई आदिवासियों के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम मारना चाहिए ।