Hindi, asked by ApekshaMishra, 7 months ago

(घ
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'कनक-तीलियो.......टूट जाएँगे'- पंक्ति से कवि क्या स्पष्ट करना चाहते हैं? please give correct answer if answer is correct I will make brainliest​

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Answered by Anonymous
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Answer:

कवि यह कहना चाहता हैं कि पक्षी खुले आकाश में उड़ने के लिए बने हैं पिंजरे में बंद होने के लिए नहीं । पक्षी कहते हैं कि पिंजरे से बाहर आने की चाह में वे तेजी से उड़गे ओर उनके पंख पिंजरे से टकराकर टूट जाएगे।

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