Hindi, asked by deepikatyagi196, 4 months ago

(घ) 'कर्म ही सफलता की कुंजी है' कविता के आधार पर स्पष्ट की
(ङ) कवि मानव को पंचतत्वों के किन गुणों को अपनाने के लिए प्रे-ि
(ग) काव
3. आशय स्पष्ट कीजिए
(क) सब जाए अभी, पर मान रहे,
मरणोत्तर गुंजित गान रहे।
ख) सँभलो कि सुयोग न जाए चला
कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला?
नान​

Answers

Answered by 22082009annusahani
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Answer:

agar aap kavita ka photo bhi post karte toh hum aapko answers bata sakte aise kaise batayenge jab apne paas is poem ka photo nahi hain toh

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