(घ) 'खासा मलमल वाफ़्ता, उनकर राखै मान' - पंक्ति द्वारा कवि क्या कहना चाहते हैं ?
उत्तर- .......
Answers
Answered by
8
¿ 'खासा मलमल वाफ़्ता, उनकर राखै मान' - पंक्ति द्वारा कवि क्या कहना चाहते हैं ?
➲ ‘खासा मलमल वाफ्ता, उनकर राखे मान’ कवि गिरधर कविराय की कुंडली की इन पंक्तियों और पूरी कुंडली के माध्यम से कवि का कहने का तात्पर्य यह है कि कंबल कम दाम का होने के बाद भी अधिक उपयोगी होता है, जबकि मलमल की रजाई देखने में सुंदर और मुलायम होने के बावजूद भी इतनी उपयोगी नहीं होती और उसे बड़ा संभाल कर रखना पड़ता है। जबकि कंबल को किसी भी तरह बांधकर कहीं पर भी रखा जा सकता है और उसका अनेक तरह से उपयोग किया जा सकता है। उसे ओढ़ा जा सकता है, बिछाया जा सकता हैस उसकी गठरी बनाकर अपने पास रखा जा सकता है।
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
Answered by
2
Explanation:
here is the answer of your questions buddy
go for it
Attachments:
Similar questions