घ. लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी के अनुसार बालगोबिन भगत ने किस प्रकार प्रचलित सामाजिक मान्यताओं का
खंडन किया?
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¿ लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी के अनुसार बालगोबिन भगत ने किस प्रकार प्रचलित सामाजिक मान्यताओं का खंडन किया ?
✎... रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा रचित ‘बालगोबिन भगत’ पाठ में समाज की अनेक तरह की समाजिक मान्यताओं का खंडन किया गया है और रूढ़ियों पर प्रहार किया गया है। जैसे समाज में एक मान्यता व्याप्त कि बेटा ही अपने पिता या पुत्र को मुखाग्नि दे सकता है, लेकिन बाल गोविंद ने इस मान्यता के विरुद्ध जाकर अपने बेटे की चिता को अपनी बहू से मुखाग्नि दिलवाई। जब उनके बेटे की मृत्यु हो गई तो वह उसके बाद दुखी होने के बजाय उन्होंने समाज के विरुद्ध जाकर अपनी बहू के पुनर्विवाह करने की अनुमति भी दे दी। ये एक सामाजिक रुढि पर प्रहार था जहां विधवा-विवाह को बुरा समझा जाता था। इस तरह लेखक ने बालगोबिन पाठ के माध्यम से उस दौर में व्याप्त अनेक तरह की सामाजिक बुराइयों पर तीखा प्रहार किया है।
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