Chemistry, asked by mehermeghana19261, 9 months ago

(घ) मोनोक्लोनल प्रतिरक्षी के लिए हाइब्रिडोमा तकनीक की खोज की
(A) नीरेनबर्ग तथा खुराना
(B) जेम्स एलरिक ने
(C) जॉर्ज कोहलर ने
(D) जेम्स ग्रिफिथ ने

Answers

Answered by ankugraveiens
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C) जॉर्ज कोहलर ने

 जॉर्ज कोहलर ने  हाइब्रिडोमा तकनीक  की खोज की थी मॉनोक्लोनल प्रतिरक्षी  बनाने के     लिए

Explanation:

हाइब्रिडोमा एक अल्पकालिक प्रतिरक्षी -उत्पादक बी सेल (Short-lived Antibody producing B-cells) और एक अमर मायलोमा सेल ( Immortal Myeloma cells) के बीच संलयन (Fusion) के माध्यम से बनाई गई कोशिकाएं हैं ,इसी प्रक्रिया को हाइब्रिडोमा तकनीक कहते है । हाइब्रिडोमा तकनीक से बड़ी संख्या में एक जैसा प्रतिरक्षी  का उत्पादन होता है | प्रत्येक हाइब्रिडोमा  लाइन द्वारा उत्पादित मोनोक्लोनल प्रतिरक्षी  रासायनिक रूप से समान हैं | मोनोक्लोनल प्रतिरक्षी   के उत्पादन का आविष्कार 1975 में सेसर मिलस्टीन ( César Milstein)और जॉर्जे जे। एफ। कोह्लर ( Georges J. F. Köhler ) द्वारा किया गया था।

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