घुमन्तु समुदाय के निरन्तर अवागमन का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पडा?
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- उनकी गतिशीलता के कारण प्राकृतिक वनस्पति को फिर से वृद्धि करने का अवसर प्राप्त होता है। फलतः वनस्पति सरंक्षण के कारण पर्यावरण संतुलित रहता है। (ii) उनके मवेशियों को हरा-भरा नया चारा प्राप्त होता है। तथा वे खेतों में घूम-घूम कर गोबर देते रहते है जिससे कृषि भूमि की उर्वरता बनी रहती है।
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Explanation:
घुमंतू समुदायों को बार - बार एक जगह से दूसरी जगह जाने के निम्नलिखित कारण थे
( i ) उनकी अपनी कोई चरागाह या खेत नही होता जिससे दूसरे के खेतो या दूर दूर के चारागाहों पर निर्भर रहना पडता है
( ii ) मौसम परिवर्तन के साथ साथ उन्हे अपने चरागाह भी बदलने पड़ते हैं जैसे पहाडों के उपरी भाग में बर्फ पड़ने पर वे पहाडी के निचले हिस्से में जाना पडता है
( iii ) बर्फ पिघलते ही उनन्हे वापस ऊपर की पहाडों की ओर प्रस्थान करना पड़ता है
( iv ) मैदानी भागों में इसी प्रकार बाढ़ आने पर वे ऊँचें स्थानों पर चले जाते है
इनके निरंतर आवागमन से पर्यावरण को बहुत ही लाभ पहुँचता है | जहाँ इनके मवेशी चरते है वहाँ की भूमी उपजाऊ हो जाती है । इसलिए किसान अपने अपने खेतों में चरने देते है ताकि मवेशियों के गोबर से खेत भर जाये ।
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