घ) निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों में रस पहचानका
वह लता वहीं की, जहाँ कली
तू खिली, स्नेह से हिली, पली
अंत भी उसी गोद में शरण
ली, मूंदे दृग वर महामरण ! with explained please
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वह लता वहीं की, जहाँ कली
तू खिली, स्नेह से हिली, पली
अंत भी उसी गोद में शरण
ली, मूंदे दृग वर महामरण
इन काव्य पंक्तियों में करुण रस प्रकट हो रहा है। करुण रस का स्थाई भाव शोक होता है। जिसमें अपने किसी प्रियजन के बिछड़ जाने या दूर चले जाने से उत्पन्न दुख या वेदना होती है।
यह पंक्तियां सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा रचित कविता ‘सरोज स्मृति’ से ली गई हैं सरोज स्मृति कविता निराला ने अपनी युवा पति के असामयिक मृत्यु के बाद लिखी थी और इस कविता में कवि ने अपनी पुत्री की असामयिक से उत्पन्न दुख व बिछोह का करुण भाव से वर्णन किया है, इसलिये इन पंक्तियों में करुण रस प्रकट हो रहा है।
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Abhi to mukut bandha tha math ka explain
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