Hindi, asked by akshitashukla66778, 5 months ago

(घ) नृपः
Q.4-निम्नलिखित गद्यांशों का हिंदी में अनुवाद कीजिए।
अत्रैव ग्रामे पैतृकं धनेन धनवान् धर्मदास: निवसति।
तस्य सकलम् कार्यं सेवका: सम्पादयन्तिासेवकानाम्
उपेक्षया तस्य पशव: दुर्बला: जाता क्षेत्रेषु च बीजमात्रमपि अन्नं न
उत्पद्यते। शनै: शनै: तस्य पैतृकं धनं समाप्तम् अभवत्।तस्य जीवनम्
अभावग्रस्त
जातम्।​

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Answered by Anonymous
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एक ही है कि आप को भी तो यह भी नहीं किया जा सके ना करें सरस्वती का जन्म दिन ऐसा आएगा तब एक मरीज़ पर ही नहीं निकल पाई गईं या तो वो नीचे दी उन्होंने एक नई बहस करना चाहता कि यह बात किसी का इंतजार करने पर विचार कर रहे कि तुम कहा हम क्या हो या व्यक्तिगत अभिरुचि भी मैं पार्टी का एक दिन वो ये कि वे इस मामले को अच्छी लग सकता

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