घृणा किस रस का स्थाई भाव है
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घृणा किस रस का स्थाई भाव है
घृणा वीभत्स रस का स्थाई भाव है |
वीभत्स रस जब किसी मनुष्य को जब भी किसी काव्य को पढ़कर मन में घृणा आये तो वीभत्स रस होता है। ये रस मुख्यतः युद्धों के वर्णन में पाया जाता है |
उदाहरण
जिनमें युद्ध के पश्चात लाशों, चील कौओं का बड़ा ही घृणास्पद वर्णन होता है | घृणित वस्तुओं, घृणित चीजो या घृणित व्यक्ति को देखकर या उनके संबंध में विचार करके या उनके सम्बन्ध में सुनकर मन में उत्पन्न होने वाली घृणा या ग्लानि ही वीभत्स रस कि पुष्टि करती है |
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