Hindi, asked by kanhabansal398, 4 months ago

(घ) परान्नं प्राप्य दुर्बुध्द! मा शरीर दया कुरू |
परान्नं दुर्लभं लोके शरीराणि पुनः पुनः ।।ट्रांसलेट इनटू हिंदी ​

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Answered by tkalpna932
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Explanation:

पर्यंत प्राय धुर्वे तमाश्री रे दया गुरु प्रांत दुर्लभ लोकेश आर्यन इन पुणे पुणे

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