Hindi, asked by abhijeetbaghel4321, 17 days ago

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घोषणा पत्र पर हस्ताक्षरकरने का उद्देश्य क्या था?​

Answers

Answered by laxmilas1310
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Explanation:

संयुक्त राष्ट्र की भूमिका: घोषणापत्र आतंक से संबंधित सभी पहलुओं को संयुक्त राष्ट्र के ढाँचे के अंदर लाने का प्रस्ताव करता है, जिससे संयुक्त राष्ट्र के अन्य सदस्य देशों की ओर से भी समावेशी कार्रवाई का अवसर प्राप्त होगा।

Answered by 7charsimranbiskour
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Answer:

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्ययनों और संयक्ुत राष्ट्र की मानव-विकास रिपोर्टों नेभारत के बच्चों में

कुपोषण की व्यापकता के साथ-साथ बाल मत्ृय-ुदर और मातृमत्ृयुदर का ग्राफ़ काफ़ी ऊँचा रहनेके

तथ्य भी बार-बार जाहिर किए हैं। यनिू सेफ़ की रिपोर्ट बताती हैकि लड़कियों की दशा और भी खराब है।

पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान के बाद, बालिग होनेसेपहलेलड़कियों को ब्याह देनेके मामलेदक्षिण

एशिया मेंसबसेज़्यादा भारत मेंहोतेहैं। मात-ृमत्ृयुदर और शिशुमत्ृय-ुदर का एक प्रमखु कारण यह

भी है। यह रिपोर्ट ऐसेसमय जारी हुई हैजब बच्चों के अधिकारों सेसंबंधित वश्वि ै क घोषणा-पत्र के

पच्चीस साल परूेहो रहेहैं। इस घोषणा-पत्र पर भारत और दक्षिण एशिया के अन्य देशों नेभी हस्ताक्षर

किए थे। इसका यह असर ज़रूर हुआ कि बच्चों की सेहत, शिक्षा, सरुक्षा सेसंबंधित नए काननू बने,

मंत्रालय या विभाग गठित हुए, संस्थाएँऔर आयोग बने।

घोषणा-पत्र सेपहलेकी तलना ु मेंकुछ सधार ु भी दर्ज हआ है। पर इसके बावजदू बहुत सारी बातें

विचलित करनेवाली हैं। मसलन, देश मेंहर साल लाखों बच्चेगुम हो जातेहैं। लाखों बच्चेअब भी

स्कूलों सेबाहर हैं। श्रम-शोषण के लिए विवश बच्चों की तादाद इससेभी अधिक हैवेस्कूल मेंपिटाई

और घरेलूहिसा ं के शिकार होतेरहतेहैं।

परिवार के स्तर पर देखेंतो संतान का मोह काफ़ी प्रबल दिखाई देगा, मगर दसर ू ी ओर बच्चों के प्रति

सामाजिक संवेदनशीलता बहुत क्षीण है। कमज़ोर तबकों के बच्चों के प्रति तो बाकी समाज का रवया ै

अममनू असहिष्णता ु का ही रहता है। क्या येस्वस्थ समाज के लक्षण

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