Hindi, asked by 2014divnitu, 5 months ago

(घ) तूफान में दीप्तिमान कैसे रहा जा सकता है?
(ङ) कवि शत्रुओं की छायाओं के डर की बात क्यों बता रहा है?​

Answers

Answered by shishir303
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(घ) तूफान में दीप्तिमान कैसे रहा जा सकता है?

➲ तूफान में चंद्रमा की तरह दीप्तिमान होकर आगे बढ़ा जा सकता है। ‘पहरुए सावधान रहना’ कविता मैं कवि गिरिजाकुमार माथुर कहते हैं कि पुराने विदेशी शासन की प्रतिमाएं टूटकर नए-नए प्रति उनकी जगह ले रहे हैं। प्रगति का तूफान चल रहा है और प्रगति के इस तूफान में तुम चंद्रमा की तरह दीप्तिमान होकर आगे बढ़ो और सावधानी से देश की सुरक्षा करो।

(ङ) कवि शत्रुओं की छायाओं के डर की बात क्यों बता रहा है?​

➲ कवि शत्रुओं के छायाओं से डर की बात इसलिए कर रहा है कि क्योंकि शत्रु यानि अंग्रेज तो चले गये हैं, लेकिन उनकी स्मृतियां उनके द्वारा किये गये शोषण के प्रतीक अभी भी शेष रह गए हैं, जिन को पूरी तरह नष्ट करना बाकी है, नहीं तो शत्रु की ये छाया विकास की राह में बाधा बन सकती है।

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